
जिया न्यूज़-:बब्बी शर्मा-कोंंण्डागाँव,
कोंंण्डागाँव:-विगत दिवस हरेली पर्व की पावन बेला पर संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव ने ग्राम बोल-बोला में छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया, इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणो को संबोधित करते हुए ससंदीय सचिव ने कहा कि हरेली पर्व के पावन पर्व पर आज किसानो एवं पशुपालको के हितार्थ एक और जनहित कार्ययोजना का शुभारंभ होने जा रहा है। प्रदेश सरकार ने अपने शासन के शुरूवाती दिनो से ही किसानो के हित में तमाम निर्णय लिये है चाहे वह धान खरीदी या फिर कर्जा माफी। इसी कड़ी में गोधन न्याय योजना का उद्देश्य ग्रामीण अर्थतंत्र को एक नई दिशा देना है क्योंकि भारत की आत्मा ग्रामो मे बसती है और ग्राम विकास का पर्याय ही देश प्रदेश का विकास है अतः शासन की सुराज्यी योजनाओंं के माध्यम से गोठानो को विकास के नये केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध तो आय का नया जरिया भी प्राप्त होगा,गोठानो के बनने से अब गौवंश का अब उचित रख रखाव एवं देखभाल भी हो रही है.गोधन न्याय योजना का एक उद्देश्य यह भी है की हमे अपने खेतो और बाड़ियों मे रासायनिक खाद का कम से कम उपयोग कर जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देना है गोठानो मे निर्मित किये गये जैविक खाद,वर्मी कम्पोस्ट किसानो को उचित दर में उपलब्ध भी कराया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होने गोबर खरीदी करने वाले स्व-सहायता समुह के उज्जवल भविष्य की कामना भी की।
इस अवसर पर जिले के ऊर्जावान जिलाधीश पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने कहा कि निश्चित ही गोधन न्याय योजना किसानो एवं पशुपालको के हित में एक क्रातिंकारी योजना साबित होगी, चुकिं रासायनिक खादो के बढ़ते उपयोग ने फलो एवं सब्जियों की गुणवत्ता एवं स्वाद को काफी हद तक खत्म कर दिया है अतः समय आ गया है कि कृषक अब अपने खेतो में जैविक खाद का अधिक से अधिक प्रयोग करें और यह खाद उन्हे गोठानो से प्राप्त वर्मी कम्पोस्ट के माध्यम से प्राप्त होगा। गोधन न्याय योजना का दुरगामी परिणाम यह भी है कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरो मेंं वृद्धि होगी और रोजगार के तलाश मेंं बाहर जाने वाले ग्रामीणो का पलायन रूकेगा.उन्होने आगे बताया कि जिले के 38 गोठानो में आज गोधन न्याय योजना की शुरूवात कर दी गई और स्व-सहायता समुह द्वारा दो रूपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी की जा रही है। आने वाले समय में जिले के 383 पंचायतो में गोठानो का निर्माण किया जायेगा चूकिं जिले 5 लाख 17 हजार गौवंश पशु है जिनेस अनुमानित 31 लाख किलो गोबर का उत्पादन होता है। अतः गोठानो के माध्यम से अतिरिक्त गोबर से खाद के अलावा विभिन्न उत्पाद जैसे गमला,दिया तथा अगरबत्ती भी स्व-सहायता समुहो द्वारा निर्मित किये जायेंगें। शासन का उद्देश्य सभी गोठानो को आजीविका के नये केन्द्र के रूप में विकसित करना है इस दिशा में जिले के सभी गोठानो में अब कुक्कुट एवं मत्स्य पालन ट्री-गार्ड निर्माण का कार्य का दायित्व भी स्व-सहायता समुह को सौंपा जायेगा साथ ही सभी गोठानो में नारियल वृक्षो का रोपण एवं हल्दी, अदरक जैसे मसालेदार पौधो को भी लगाने की योजना है।
इसके पूर्व मुख्य अतिथियों की उपस्थिति में स्थानीय माँँ बमलेश्वरी स्व-सहायता समुह द्वारा ग्रामीणोंं से दो रूपये की प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी का कार्य प्रारंभ कर दिया गया। कार्यक्रम स्थल में बिहान आजिविका समुह द्वारा विभिन्न प्रकार के स्वनिर्मित विभिन्न सामाग्रियों के स्टाॅल भी लगाये गये थे। कार्यक्रम के समापन पर माननीय संसदीय सचिव एवं कलेक्टर द्वारा नारियल के पौधो का रोपण भी किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारी, कर्मचारी वअनेकों ग्रामीण उपस्थित थे।
