

जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा:-वैसे तो दंतेवाड़ा जिले को आज तक सिर्फ नक्सलवाद समस्याओं से जोड़ कर ही देखा जाता रहा है परन्तु इसके अलावा भी कुछ है जो दंतेवाड़ा को उसकी अलग पहचान दिलाने में मदद करता है। वो है महिला नैतृत्व और महिला सशक्तीकरण की । महिला शसक्तीकरण के दौर में सर्वश्रेष्ठ उदाहरण छत्तीसगढ में कोई जिला सही मायने में है तो वो दंतेवाड़ा है । इस बात का अंदाज़ा आप इस तरह लगा सकते है के दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी माई जी के अलावा भी कुछ महिला शक्तियां ऐसे भी है जो दंतेवाड़ा को संभाल रखे है चाहे वो विधायक हो,जिला पंचायत अध्यक्ष हो, उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) हो या दनेश्वरी फाइटर्स हो । ये ऐसे बड़े उदाहरण है जो दंतेवाड़ा में महिलाओं के नेतृत्व को प्रदर्शित करती है और ऐसे में पी.डी.एस के लिए कार्य कर रही महिला समूह के साथ मीटिंग के दौरान खाद्य निरीक्षक अधिकारी की अभद्रता बहुत ही निंदनीय है। इंस्पेक्टर योगेश मिश्रा ने गाली गलोज कर उनसे अभद्रता की है इसके लिए महिलाओं ने एफआईआर करने के लिए भी आवेदन किया गया है।
और अब कुछ राजनीति के ठेकेदारों या ये कहे समझौते करवाने वाले एक्सर्पट्स और कुछ बड़े अधिकारियों द्वारा समझौता कराने की कोशिश की जा रही है । ऐसे में अब देखना ये है के दंतेवाड़ा के इतने बड़े संख्या में महिला नैतृत्व कर्ता के मौजूद होने पर भी क्या इस विषय पर समझौता होता है या कार्यवाही होती है । देखना ये है के महिला नेतृत्वकर्ता किस तरफ अपनी रुची दिखाते है महिलाओं के पक्ष में या इन्स्पेक्टर योगेश मिश्रा के पक्ष में ।