

जिया न्यूज़:-बब्बी शर्मा-कोण्डागाँव,
कोण्डागाँव:-वर्तमान कोण्डागाँव जिले में पुरातन कालीन बस्तर रियासत के कुछ अनसुलझे रहस्यों को अपने आप मेंं संजोए बडेडोंगर क्षेत्र जहाँ आज भी देवी-देवताओं की धार्मिक आस्था की एक ऐसी गुफा मौजूद है जहाँ अंदर प्रकृतिक रूप से बना शिवलिंग है,जिसे स्थानीय लोग लिंंगई आया (लिंगई माता) कह कर पूजते हैं।इस गुफा को वर्ष भर में केवल एक बार पित्रीपक्ष के प्रथम बुधवार को ही खोला जाता है।
अनादिकाल से ऐसी मान्यता है कि लिंगेश्वरी माता के दर्शन कर उन्हे अर्पित खीरे को प्रसाद के रूप में प्राप्त कर गुफा के अंदर ही बैठ कर अपने नाखुनों से फाड़ कर ही पति-पत्नी को खाना पड़ता है।
ऐसी दम्पतियों को एक वर्ष के अन्दर ही सन्तान की प्राप्ति हो जाती है,परन्तु इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते ऐसे बहुत सारी निसंतान दम्पतियों को लिंगेश्वरी माता के दर्शन का सौभाग्य नहीं मिल पायेगा।
मंदिर समिति के अध्यक्ष व सदस्यों ने बताया कि इस बार जिला प्रशासन द्वारा केवल पुजारी,समिति के सदस्य व मीडिया से जुडे कुछ लोगों को ही पुरी सावधानी बरते हुए ही अंदर प्रवेश करने की अनुमति मिली है, जिसके चलते आम दर्शनार्थियों के लिए लिंगेश्वरी के पट बंद रहेंगे।