
जिया न्यूज़:-दिनेश गुप्ता-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा:-जिले में शासकीय कर्मचारियों के लिए शासकीय आवास आवंटन के मामले में कई अनियमितताएं सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में लगभग 300 शासकीय आवास है। वही लगभग 350 आवेदन शासकीय आवास आवंटन के लिये लंबित है। शासकीय कर्मचारियों को आवास आबंटन में परेशानी सामने क्यों आ रही है इस मामले की जांच पड़ताल की गयी तो पता चला कि कई ऐसे व्यक्ति व कर्मचारी हैं जो शासकीय आवासो में अनाधिकृत रूप से घुस गये हैं। और अपना कब्जा जमा लिया है। दूसरों के नाम पर वह आवास आवंटित होने पर भी वह उसे खाली नहीं कर रहे हैं। जबकि देखने वाली बात है कि जो भी व्यक्ति व कर्मचारी इन शासकीय आवासो में अनाधिकृत रूप से अपना डेरा जमाये हुये हैं। उनका मुख्यालय यहां से 15 से 20 किलोमीटर दूर है ये उससे भी अधिक दूरी पर है। जबकि शासकीय कर्मचारी आवास आवंटन के नियम के अनुसार किसी भी व्यक्ति या अधिकारी कर्मचारी को उस क्षेत्र में आवास तभी आवंटित किया जाता है। जब उसका कार्यस्थल वहां से 7 किलोमीटर के अंदर हो। वहीं कुछ शासकीय कर्मचारी ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना स्वयं का घर बनाया हुआ है और उसे किराए पर दिया हुआ है। इसके बाद भी वह शासकीय आवास का लाभ ले रहे हैं। जबकि शासकीय आवास आवंटन कि गाइडलाइन के अनुसार जिस व्यक्ति या शासकीय अधिकारी कर्मचारी का स्वयं का मकान होता है उसे शासकीय आवास आवंटित नहीं किया जाता है। कुछ ऐसे भी अधिकारी कर्मचारी हैं जिनका जिला मुख्यालय से तबादला कटेकल्याण, कुआकोंडा या सुकमा जिला में भी हो चुका है। लेकिन वह वर्षों बीतने के बाद भी अपना शासकीय आवास खाली नहीं कर रहे हैं। जबकि नियमानुसार किसी भी शासकीय अधिकारी कर्मचारी का यदि दूसरी जगह पर स्थानांतरण होता है तो उसे छः माह के अंदर अपना आवास खाली करना होता है। जिससे कि उस अधिकारी कर्मचारी के स्थान पर आए नये व्यक्ति को उस आवास का लाभ दिया जा सके। दंतेवाड़ा मुख्यालय में जीएडी कॉलोनी, मांझी पदर, ब्लॉक कॉलोनी, कॉलोनी कोर्ट कॉलोनी, कलेक्टर बंगला के सामने खेल के मैदान के पास लगभग 300 शासकीय आवास उपलब्ध है। लेकिन 350 आवेदन लंबित है जिनमे कई अधिकारी कर्मचारी सालों से आवास आवंटन के लिए कतार में लगे हैं।लेकिन पहले से अनधिकृत रूप से कब्जा जमाये लोग अपना आवास खाली नहीं कर रहे हैं। जिससे इन लोगों को शासकीय आवास के आवंटन के लाभ नहीं मिल पा रहा है।