
जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा:-शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस हर साल 10 नवंबर को मनाते हुए समाज में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका और उभरते वैज्ञानिक मुद्दों पर व्यापक जनता को शामिल करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला जाता है। कोविड-19 महामारी ने वैश्विक चुनौतियों को संबोधित करने में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका को आगे बढ़ाया है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने विश्व विज्ञान दिवस 2020 को मनाने के लिए “कोविड-19 से निपटने के लिए समाज के लिए और साथ विज्ञान” विषय पर एक ऑनलाइन सम्मेलन आयोजित किया।
यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले ने कहा कि मौजूदा संकट को वित्त पोषण और वैज्ञानिक अनुसंधान और सहयोग के समर्थन की तात्कालिकता के बारे में जागरण के रूप में काम करना चाहिए। यह न केवल प्राकृतिक विज्ञान, बल्कि सामाजिक और मानवीय और विज्ञान की भी चिंता करता है। यूनेस्को नई दिल्ली विभाग ने भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर 2020 के विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। समाज के लिए और साथ विज्ञान और समाज के बीच तालमेल बनाने के तथा चुनौतियों को सामने करने के व्यापक उद्देश्य पर विषय रखा गया। इन वेबिनार में भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था के अाजीवन सदस्य तथा दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ के आस्था विद्या मंदिर के शिक्षाविद् अमुजूरी बिश्वनाथ ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है। उन्होंने पैनलिस्टों से सवाल उठाया कि कोविड19 के बाद विज्ञान और प्रौद्योगिकी में छात्रों व शिक्षकों के लिए रोजगार और अनुसंधान के अवसर क्या हैं? पैनल के विशेषज्ञों ने 1) विशेष रूप से विकासशील देशों में एसटीईएम में लिंग असमानताओं के रुझान और प्रक्षेपवक्र, 2) सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और संस्थागत परिवर्तन और लाने में सर्वोत्तम प्रथाओं, 3) लिंग समावेश के आकलन के लिए अवधारणाओं, रूपरेखाओं और मॉडलों को शामिल, 4) विज्ञान के अभ्यास में कोविड-19 के लिंग प्रभाव विषयों पर चर्चा किया। यूनेस्को क्लस्टर कार्यालय नई दिल्ली के निदेशक श्री एरिक फाल्ट, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) भारत सरकार किरण डिवीजन के प्रमुख डॉ संजय मिश्रा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) भारत सरकार के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा के द्वारा प्रारम्भ सत्र का उद्घाटन किया गया। स्टेम में महिलाएं- विज्ञान और समाज को जोड़ पर पैनल चर्चा सेंटर फॉर हाई एनर्जी फिजिक्स इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बैंगलोर के गोडबोले मानद प्राध्यापक प्रो रोहिणी, डीएसटी- एसटीआई पॉलिसी फेलो यूनेस्को नई दिल्ली के डॉ निमिता पांडे के द्वारा संचालित किया गया। इस चर्चा सभा में पैनलिस्ट्स के रूप में आईआईटी-दिल्ली के रसायन शास्त्र विजिटिंग प्रोफेसर रामाकृष्णा रामास्वामी, आईबीएम क्लाउड एंड कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर के राज कार्यक्रम निदेशक व वैश्विक तकनीकी प्रमुख सुश्री लता राज, विकसित विश्व महिला विज्ञान संस्था के श्रीलंका राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो नादिरा करुणावेरा, मुंबई विश्वविद्यालय समाजशास्त्र के प्रोफेसर डॉ गीता चड्ढा, नारीवादी दृष्टिकोण प्रौद्योगिकी भारत के संस्थापक और कार्यकारी निदेशक सुश्री गायत्री बुरगोहिन, यूनेस्को काठमांडू कार्यालय नेपाल के कार्यक्रम अधिकारी श्री आगत अवस्थी ने अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान अमुजूरी बिश्वनाथ ने कहा कि विज्ञान को समाज के साथ और अधिक निकटता से जोड़कर, शांति व विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है। समाज और जनता के कल्याण व विकास के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और शिक्षा के पहलुओं पर सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों, उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।