
जिया न्यूज़:-सुभाष यादव-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा- ग्राम चितालुर में भूमगादी संस्था द्वारा जैविक खेती हेतु 25 किसानों का पंजीयन किया गया है। प्रत्येक किसानों का पंजीयन 03 वर्षो के लिये होता है। संस्था द्वारा जिले के प्रत्येक गांव में 100 किसानों व 11 समूह का चयन करने प्रक्रिया होती है। जिसमें 01 कलस्टर व 01 कार्यकर्ता संस्था द्वारा नियुक्त किये जाते है। जिसमें कलस्टर का वेतन 8000 रुपये व कार्यकर्ता का वेतन 4000 रुपये निर्धारित है। इनका काम गांव में किसानों को जैविक खेती हेतु जागरूक करना है।

आपको बताना लाजमी है, की इस संस्था द्वारा ना तो किसानों को कोई प्रशिक्षण दिया जा रहा है। और ना ही जैविक खेती के बारे में कोई जानकारी दी जा रही है। ना ही कृषि उपयोगी सामग्री जैसे जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, बीज आदि की व्यवस्था संस्था द्वारा नही कि जा रही है। जिसके चलते किसान अत्यंत परेशान है, उन्हें अपना जीवनयापन करना मुश्किल हो रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा भूमगादी संस्था को खनिज न्यास निधि से करोड़ों रुपये का आबंटन प्राप्त हो रहा है। फिर भी किसानों इसका कोई लाभ नही मिल रहा है। जैविक बाजार ना होने की स्थिति में किसानों को जैविक फसलो का उचित मूल्य नही मिल पा रहा है।
किसान जयतराम नाग ने बताया कि जैविक खेती में फसल का उत्पादन कम होता है। फसल में कीड़े लगने पर जैविक कीटनाशक से कीड़े कम नही होते है। फसलों में और भी कई प्रकार की बीमारी होती है। जिसकी जानकारी देने हेतु संस्था द्वारा कोई मदद नही दी जा रही है। जिस वजह से किसानों का जैविक खेती से मोह भंग हो रहा है। किसानों का रासायनिक खेती की तरफ झुकाव हो रहा है। ऐसा ग्राम के किसान शेषमन यादव, श्यामलाल नाग, दुर्जन सिंह, जयतराम, राम सिंह, संकुराम, मन्तु, इनका कहना है। खनिज न्यास निधि से जैविक खेती हेतु करोड़ो का बजट कहा खर्च हो रहा है, समझ से परे है।