
जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा/गीदम,
गीदम:-राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में सरस्वती शिशु मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय गीदम में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विद्यालय के कई बच्चों ने स्वामी विवेकानंद का वेशभूषा धारण किया। स्वामी विवेकानंद, भारत माता,ओम व सरस्वती माता के छाया चित्र का पूजन व माल्यापर्ण किया गया। व स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को याद किया गया। और स्वामी विवेकानंद के नारे व जयघोष, लगातार होते रहा।

कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य विजय दुबे ने बच्चों को संबोधित करते हुये बताया कि आज हमारे देश सहित समस्त विश्व में बढ़ती अराजकता, हिंसा, आतंकवाद व नशाखोरी आदि समस्याओं के कारण समस्त मानव जाति को अपनी सभ्यता और संस्कृति के समक्ष अस्तित्व का संकट दिखाई दे रहा है। वास्तव में आँखें बंद रखे हुए मानव ने अपने सांस्कृतिक मूल्यों की अवहेलना करते हुए पश्चिमीकरण के रास्ते जो विकास की यात्रा तय की है, उसके कारण आज हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता प्रतीत हो रही है।

विकास की इस यात्रा में मनुष्य प्रजाति ने शिक्षा प्रणाली के मानवीय आधारभूत मूल्यों की अनदेखी की। जबकि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि ‘जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सके, मनुष्य बन सके, चरित्र गठन कर सके और विचारो का सामंजस्य कर सके वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है’। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद सार्वभौमिक शिक्षा प्रदान करने के समर्थक रहे वे शिक्षा में किसी भी प्रकार के भेदभाव के विरुद्ध थे। हमे स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों से सीख लेकर उनके बताये मार्ग पर चलना चाहिये। इस दौरान विद्यालय के सभी आचार्य दीदी व बच्चे उपस्थित रहे।