जिया न्यूज़:-दिनेश/चन्दन-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा:-विगत लगभग 3 माह पूर्व छानबीन समिति द्वारा छत्तीसगढ़ के 167 सरकारी कर्मियों सहित कुछ जनप्रतिनिधियों पर जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कार्यवाही करने कड़े निर्देश विभाग प्रमुखों को जारी किया था लेकिन हमेशा की तरह यह भी केवल औपचारिक था ।कर्मी अपना रास्ता बनाते रहें और समिति की मेहनत गई बेकार ।इसके साथ ही यह भी सिद्ध हो गया कि इन पर प्रशासनिक मेहरबानी जारी है ।लेकिन वन मंडल दंतेवाड़ा में दो अधिकारियों पर त्वरित कार्यवाही से उम्मीद जगी थी कि शेष विभाग प्रमुख भी पदचिन्हों पर चलेंगे पर ऐसा नहीं हुआ ।छतीसगढ़ में यह निर्देश भी इन कर्मियों पर कोई असरदार नहीं रहा ।छानबीन समिति की साख केवल वन विभाग दंतेवाड़ा ने बचा दिया ।अब सवाल यह है कि जब कार्यवाही ही नहीं होती तो फिर समिति का क्या औचित्य ?प्रशासन ही प्रशासन की बात नहीं मान रहा ।एक निर्देश देता है दूसरा उसकी अवहेलना कर स्पष्टीकरण जारी करने का सरकारी दायित्व निभा देता है और मामला लटकते- लटकते ठंडा पड़ जाता है ।बहरहाल, समिति द्वारा सूक्ष्म जांच के बाद ही सूची प्रशासन को सौंपी जाती है ।सरकार और प्रशासन को कड़े कदम उठाते इन कर्मियों पर सेवा समाप्त/निलंबन की कार्यवाही करनी चाहिए अन्यथा ये कर्मी तो निर्भीक होंगे और शेष जिन पर जांच लंबित है उनका हौसला भी ऐसे उदाहरणों से बढ़ेगा ।