जिया न्यूज:-बब्बी शर्मा-कोण्डागाँव,

कोण्डागांव:-भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुपालन के बढ़ते योगदान को देखते हुए पशुपालन को सुदृढ़ करने हेतु भारत सरकार द्वारा पशुसखी की धारणा दी गई थी। इसके लिए कोण्डागांव जिले में पहली बार 2017 मे माकड़ी ब्लॉक में पशुसखियों का चयन किया गया था। जिसके उपरांत विकासखंड कोण्डागांव में 2018 तक 30 पशुसीखियों का चयन कर लिया गया था। जबकि वर्तमान में जिले में कुल 210 पशुसखियों से कार्यरत हैं। जिनमें से कोण्डागांव में कार्यरत पशुसखियों को उपसंचालक पशुस्वास्थ्य सेंवायें डॉ0 शिशिरकान्त पाण्डे, प्रभारी विकासखंड कोण्डागांव डॉ0 नीता मिश्रा द्वारा निरंतर
प्रशिक्षण दिया जा रहा है,जिसमें पूर्व में बड़ेकनेरा में 10 दिवसीव प्रशिक्षण अंतर्गत विभिन्न विषयों जैसे प्राथमिक पशु चिकित्सा, वैज्ञानिक पद्धति से पशुपालन, कृत्रिम गर्भाधान, विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में हितग्राही चयन, चारा उत्पादन एवं चारा विकास, पशुपोषण एवं प्रबंधन, नस्ल संवर्धन संबंधित जानकारी प्रदान की गई थी।
वर्तमान में विकासखण्ड कोण्डागांव के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सेवाओं का विस्तार करने हेतु आजीविका मिशन द्वारा 50नई पशुसखियों का चयन किया गया है। जिन्हें 07 जनवरी को डॉ0 हितेश मिश्रा एवं डॉ0 नीता मिश्रा द्वारा जनपद पंचायत कोण्डागांव में एक दिवसीय प्रशिक्षण उपरांत पशु चिकित्सालय कोण्डागांव में पदस्थ डॉ0 ढ़ालेश्वरी साहू, डॉ0 दीपिका सिदार एवं गर्भाधान केंद्र कोण्डागांव में पदस्थ डॉ0 आरती मर्सकोले एवं डॉ0 भूमिका श्रीमाली द्वारा ग्राम स्तर पर मुर्गियों का टीकाकरण करना सिखाया गया। जिसके उपरांत विकासखण्ड स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम संचालित किया गया। जिसके फल परिणाम स्वरूप 1 सप्ताह में 5035 मुर्गियों का टीकाकरण किया गया एवं 250 किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने हेतु आवेदन भरवाए गए।
कार्यक्रम अंतर्गत श्रीमती सरस्वती साहू पशुसखी बनियागांव को 1 सप्ताह में 343 मुर्गियों का टीकाकरण एवं 42 किसान क्रेडिट कार्ड हेतु फॉर्म भरवाने के लिए पशु चिकित्सा विभाग द्वारा गणतंत्र दिवस 2022 में जिला स्तरीय उत्कृष्ट पशुसखी अवार्ड प्रदान किया गया।
इस प्रकार प्रभारी पशु चिकित्सालय कोण्डागांव डॉ0 नीता मिश्रा, पशु वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र डॉ0 हितेश मिश्रा, बीपीएम रैनू नेताम एवं वाईपी आजीविका मिशन नलिश आंचल के संयुक्त प्रयासों से पशुसखिंयों को निरंतर उत्कृष्ट कार्य करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिससे पशु सखी पशुपालन के केंद्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने हेतु ’’पशुपालन दूत’’ के रूप में स्थापित हो सके।