जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा/गीदम,
गीदम-:कल प्रकाश चंद बुरड़ के निवास स्थान पर गुरुवर को विदाई देते हुए पूरा जैन समाज भावुक हो उठा। और सभी लोगों ने उनके बताए पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। विहार में जाते जाते आचार्य महाश्रमण जी ने नगर के ऐसे वृद्धजन जो दर्शन को असमर्थ थे, उनके निवास स्थान जाकर शीघ्र ही स्वस्थ होने का आशीर्वाद दिया। जैन समाज के साथ साथ सभी समाज के लोगो ने भावुक होते हुवे गुरुदेव से आशीर्वाद लिया। विहार के पूरे रास्ते मे रावल लोढा एवं मोहन बुरड़ ने भक्ति गीतों के माध्यम से विदाई दी। गीदम से विहार के पश्चात आज बस्तर जिले के बागमुंडी पनेड़ा के कन्या आश्रम में उनका विश्राम है, जहाँ से कल वो आगे की अहिंसा यात्रा के लिए प्रस्थान करेंगे।
गौरतलब है कि आचार्य महाश्रमण जी ने नगर में दो दिन व्यवतीत किया लोगो को अहिंसा का पाठ पढ़ाया। इस दौरान लोग उनकी भक्ति भाव मे डूबे रहे। आचार्य ने लोगो ने को बताया कि आदमी का जीवन एक प्रकार का कलश है। कलश में स्वर्ण मुद्राएं भी भरी जा सकती है तो उसे कोई कीचड़ से भी भर सकता है। यह भरने वाले पर निर्भर है कि वह किस से कलश को भरता है। हमारा यह जीवन दुर्गुणों से भी भरा जा सकता है और सद्गुणों से भी। व्यक्ति अपने जीवन से एक-एक दुर्गुणों को निकालता जाए तो यह जीवन सद्गुण रूपी स्वर्ण मुद्राओं से भर सकता है। अब गुरु की अहिंसा यात्रा अन्य जिलों व अन्य राज्यो में प्रस्थान करेगी।
बस्तर सांसद दीपक बैज ने भी बागमुंडी पनेड़ा पहुँच आचार्य महाश्रमण से क्षेत्र की खुशहाली का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर गीदम जैन श्रीसंघ के अध्यक्ष विमल सुराना, तेरापंथ महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नरेंद्र जी नखत, राजकुमार लोढा जगदलपुर, नवरतन जैन रायपुर, जवाहर सुराना, रविश सुराना, मनीष सुराना, अशोक बुरड़, मोहन बुरड़ सहित जगदलपुर, रायपुर, हैदराबाद सहित विभिन्न क्षेत्र के लोग उपस्थित थे।