जिया न्यूज़:-दिनेश/चन्दन-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा-आखिरकार भूपेश सरकार ने पंचायतकर्मियों को साल के अंत तक नियमित करने अपनी सहमति दे दी, और इसके बाद करीब माह भर चला हड़ताल खत्म हुआ ।जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत की रौनक लौट आई ।भाजपा के आक्रामक तेवर के बाद यह कयास भी लगाया जा रहा था कि सरकार को हड़ताल के नफे नुकसान का आंकलन हो गया है ।सचिवों के हड़ताल के बाद रोजगार सहायकों ,मनरेगाकर्मियों और सरपंचों के तेवर से यह तो तय था कि आंदोलन का सकारात्मक परिणाम ही आएगा और हुआ भी ।यहां भाजपा खेमे को बमुश्किल मिला मुद्दा भी हाथ से गया ।विषम राजनीतिक परिस्थितियों में निकाला गया यह समाधान सरकार के लिए कठिन था ।भाजपा इस हड़ताल का श्रेय लेने से भी पूरी तरह चूक गई ।प्रदेश के इन कर्मियों को विपक्ष की जरूरत ही महसूस नहीं हुई ।अंतिम समय मे जब भाजपा इस हड़ताल में अपना जमीन तलाश रही थी ठीक समय में कांग्रेस ने कर्मियों को मना लिया और मामले का पटाक्षेप सुखद कर दिया ।यहां एक बात जो नजर आई,भाजपा के नेताओं में अपराधबोध दिख रहा था और हड़ताल के काफी बाद ही इन्हें सुध आई कि हड़तालियों का साथ देना है तब तक देर हो चुकी थी ।भाजपा इन हड़तालियों को भी विश्वास में लेने कामयाब नहीं हुई ।इतने बड़े हड़ताल का आसानी से खात्मा होना भूपेश सरकार की कुशल रणनीति माना जायेगा ।बहरहाल, इन कर्मियों को सरकार पर भरोसा है और उसी भरोसे पर उन्होंने हड़ताल वापस ले लिया है ।कहा भी जाता है अंत भला तो सब भला ।