वन्य प्राणियों को पैकेट बन्द भोजन देने से वन्य प्राणियों को हो रहा है नुकसान


रिपोर्टर. कुलजोत संधु
फरसगांव/केशकाल. बस्तर की जीवन रेखा कहे जाने वाले राष्ट्रीय राज मार्ग३०,पर कोण्डागांव जिले के प्रवेश द्वार सर्पाकार फूलों की घाटी केशकाल घाट में लगातार असंख्य बन्दर वन्य प्राणियों का जमावड़ा हो रहा है उसका मुख्य कारण राष्ट्रीय राज मार्ग पर चलने वाले वाहनों में सफर कर रहे मुसाफिरो द्वारा लगात दिऐ जाने वाले भोज्यपदार्थ जिस ने उन्हें जंगलों से सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है जो वन्य प्राणियों के लिए हानिकारक है।अनेकों बन्दर राष्ट्रीय राज मार्ग३० पर चलने वाले वाहनों का शिकार होकर घायल हो जाते है वहींं कई बन्दरो की मौत तक हो जाती है इस ओर किसी का ध्यान आकर्षित नही हो रहा है केशकाल घाटी से गुजरने वाले राहगीरों के द्वारा घाटी के बन्दरों को बिस्किट, कुरकुरे, ब्रेड, चिप्स एवं अन्य फेक्ट्रियो में तैयार किया गया पैकेट बन्द भोजन दिया जाता है जो बन्दर एवं अन्य वन्य प्राणियों के को हानी पहुँँचा रहा है अनजाने में राहगीर भी बन्दरो को भूखा देख कर सुनकर वह अपने वाहनों में रखा कोई भी भोजन उनको देते है पर राहगीरों को नही पता होता की फैक्ट्रियों में तैयार हुआ पैकेट बन्द भोजन में मैदा एवं अन्य सामग्री से बन्दर ( वन्य प्राणियों ) के शरीर को नुकसान पहुँँचा रहा है कई मुसाफिर मूंगफली, खीरा, चना, फल एवं अन्य अनाज देते है जो बन्दर वन्य प्राणियों को नुकसान तो नही पहुँचता परन्तु वह उनकी आदत में शुमार हो जाता है और भविष्य में अनाज नही मिलने की स्तिथि में उनको नुकसान के साथ साथ उन की नैसर्गिक जीवन शैली में बड़ा बदलाव आयेगा और उसका नुकसान बन्दरो को होगा राष्ट्रीय राज मार्ग ३० में केशकाल घाट में लगातार बन्दरो का जमावड़ा हो रहा है जो भविष्य में समस्याओ को जन्म दे सकता है वन विभाग को संज्ञान में लेकर बन्दरो को केशकाल घाट में सड़क से दूर जंगलों में ले जा कर छोड़ना चाहिए ताकि बन्दर अपना वास्वतविक जीवन बितायेंं।
वन मंण्डला अधिकारी वन मण्डल केशकाल मणी वासगन
वन्य प्राणी को उसके प्राकृतिक रहवास मे किसी भी प्रकार का फीडिंग करना अपराध है, ऐसा करने से उनका आदत बिगड़ती है, नुकसान की संभावना भी है, फिर प्राकृतिक रूप से वन्य प्राणीओं के लिए जंगलों अत्याधिक मात्रा कन्द मूल फल फूल और जल उपलब्ध है ।