गीदम बारसूर मार्ग में भीषण सडक़ हादसा, कार में बैठे सभी 5 लोगों की दर्दनाक मौत
मरने वालों में सीएफ जवान और इंजीनियर भी शामिल


सडक़ हादसे की असल वजह नहीं आई सामने, ड्राइवर को झपकी आने से हादसे के होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।
दिनेश गुप्ता-दंतेवाड़ा
गीदम ब्लॉक के गीदम बारसूर मार्ग मे देर रात लगभग 2 से 3 बजे के बीच एक भीषण सडक़ हादसा हो गया जिसमें कार में सवार सभी 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि, जब ये हादसा हुआ उस समय रास्ता एकदम सुनसान था। मिली जानकारी के मुताबिक गीदम से बारसूर जाने वाली सडक़ में राम मंदिर के पास अर्टिगा कार क्रमांक सीजी 17 केटी 0916 में सवार होकर 5 लोग बारसूर जा रहे थे। उसी दौरान कार के अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराने की वजह से ये दर्दनाक हादसा घटित हुआ। हादसा इतना भयावह था कि कार के परखच्चे उड़ गये। कार में सवार पांचों लोग अंदर ही दब गए, कोई भी बाहर निकल नहीं पाया। रात का समय होने के कारण कोई इनकी मदद भी नहीं कर सका।जिसमें गाड़ी में सवार सभी 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जिनमें अनिल कुमार परसुल पिता लक्षमैया उम्र 30 वर्ष, सुरेंद्र ठाकुर पिता पंचलाल ठाकुर उम्र 43 वर्ष, रामधर पांडेय पिता लच्छिन्द्रर उम्र 25 वर्ष, सुखलाल पांडे पिता रामसिंह उम्र 25 वर्ष, राजेश्वर लम्बाडी उम्र 23 वर्ष की मृत्यु हो गयी।ये सभी बीजापुर के पीएचई विभाग में कार्यरत थे। देर रात सुनसान सडक़ होने से इस घटना की खबर देर से लगी और हादसे की असली वजह सामने नहीं आ पायी है। लोगों का कहना है कि, देर रात यात्रा के दौरान ड्राइवर को झपकी आ जाने से ये हादसा हुआ होगा। या फिर कल रात छत्तीसगढ़ के अलग अलग भागों में बारिश हुई एंव घना कोहरा भी छाया रहा। जिससे चालक को ठीक से दिखाई न देने की वजह से ये हादसा हुआ होगा। देर रात व सुनसान सडक़ होने से इस घटना की खबर पुलिस को भी देर से लगी। जिसकी वजह से पुलिस की मौके पर पहुंचते कार सवार सभी लोगों की मौत हो चुकी थी। पीएम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद सभी को एंबुलेंस से जिला अस्पताल दंतेवाड़ा ले जाया गया। पीएम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।गौरतलब है कि इसी सड़क पर बीते जनवरी महीने में भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था। जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी। गीदम से बारसूर सड़क मार्ग पर इसी तरह से बीच-बीच में हादसे होते है। सड़क पर मार्गदर्शन पट्टिका, अंधा मोड़, गति नियंत्रण स्लोगन भी नहीं लिखा हुआ है। यह हादसे की बडी वजह बन रहा हैं।