मयखाना खुलने के पहले ही टूट पड़े पीनेवाले
बढ़ गए सभी ब्राडों के दाम, पर सबके चेहरे पर पाने का सुकून


रिपोर्टर:-अरुण कुमार सोनी बेमेतरा,
बेमेतरा:- लॉकडाउन में सरकार के शराब बेचने के फैसले को लेकर बेमेतरा जिला मुख्यालय स्थित शराब दुकान मे सुबह से ही लंबी लाइनें देखने को मिली, जबकि पिकरी में भीड़ को संभालने पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। दूसरी ओर 40 दिन के बाद खुली शराब की दुकानों में कुछ ही ब्रांड उपलब्ध होने के कारण लोग थोड़े निराश दिखे। बावजूद इसके महंगी शराब के खरीददारों की कमी नहीं देखी गयी।सरकारी शराब की बिक्री शुरू करने को लेकर बीते दिनों सोशल मीडिया में कई चुटकुले तैर रहे है तो कई इसकी इस समय बिक्री को लेकर सरकार पर सवाल खडे़ कर रहे है। दूसरी ओर 4 मई को सरकारी शराब दुकान खुलने से पहले लोगों की लंबी लाइनें देखी गयी। शराब दुकान के सामने आने और जाने के लिए सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए निशान बना दिए गए थे, जिसे पर खडे़ होकर शराब के शौकिनों ने जमकर शराब खरीदी।
दूसरी ओर, पिकरी में सुबह 6 बजे से ही शराब दुकान पर काफी भीड़ हो गयी, जिसे देखते हुए पुलिस को वहां मोर्चा संभालना पड़ा। इधर, बेमेतरा में सुबह से शराब लेने पहुंचे शौकिनों ने मास्क लगा रखा था। मीडिया को देख कुछ लोगों ने अपने को पूरी तरह से ढंक लिया। वहीं, बेमेतरा की दुकान को खुलने में आधे घंटे की देरी देखी गयी। जिसके कारण एक-एक कर शराब की बिक्री शुरू हुई।
….सरकारी शराब दुकान में पहुंचे शराब के शौकिनों की माने तो दुकान में बेलेन्डर प्राइड, रॉयल चैलेज के साथ कई तरह के बीयर का अभाव है। इसके अलावा जो ब्रांड उपलब्ध है वो काफी महंगे है। बावजूद इसके लोग एक साथ कई कई बोतलें शराब खरीद रहे है। यही कारण है कि लाइन में लगे लोगों का शराब लेने के लिए काफी समय लाइन में बिताना पड़ रहा है।सरकारी शराब दुकान में देसी और विदेशी दोनों में सरकार ने दाम बढ़ा दिए है। शराबियों की ज्यादा रुचि विदेशी मदिरा में देखी जा रही है। इसमें हर ब्रांड में 20 से 40 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, देसी मदिरा पर पौवा में 20 रुपये तो बोतल में 40 रुपये की वृद्धि हुई है। दाम की बढ़ोतरी को लेकर ग्राहकों में किसी भी तरह की नाराजगी नहीं देखी जा रही है। शराब के शौकिनों का कहना है कि शराब पीने के लिए दाम मायने नहीं रखता है।
चखना दुकानों पर छाई वीरानी
सरकारी शराब दुकानों के आसपास चखने की दुकाने विरान पड़ी है। शराब के शौकिन शराब लेकर जाते दिखे, तो चखना के लिए उन्होंने अपने घर को ही बेहतर ऑपशन चुना है। नियमों के मुताबिक इन दुकानों को सरकार ने खोलने की अनुमति प्रदान नहीं की है। वहीं, दुकान के आसपास के खुले मैदानों मे काफी संख्या में खाली बोतलों के ढेर लगे हुए है। इसके अलावा टूटी बोतलों के ढेर हर कही दूर-दूर तक बिखरे पड़े थे।