जिला प्रशासन और यूनिसेफ द्वारा बिखेरी जा रही क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुकून और खुशियों की मुस्कान

जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में एकजुट होकर अपने कर्तव्य को करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपने अथक प्रयास से जिले के मजदूर तथा विद्यार्थियों जो दूसरे जिलों में काम और पढ़ाई के सिलसिले में फंस गए थे। उनको जिले में वापस लाकर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखकर रखा गया है। साथ ही उनकी उचित देखभाल भी की जा रही है। सभी का सघन स्वास्थ्य परीक्षण कर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है। अभी वे 14 दिनों तक वहीं रहेंगे, अपने घर नहीं जा पाएंगे।ऐसे विषम परिस्थितियों में मानसिक संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है ।इसी कड़ी में जिला प्रशासन तथा यूनिसेफ ने मिलकर क्वॉरेंटाइन सदस्यों के मन में आशा की ऊर्जा भर रहें हैं । जिले की किरण कश्यप ज्योति मरकाम और अन्य एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने पेंड्रा गयी हुयी थी। लॉक डाउन में फंसने के बाद जिला प्रशासन की मदद से वे अपने गृह जिला वापिस आ पाये।गीदम ब्लॉक के रोजे क्वॉरेंटाइन सेंटर में आकर वे उदास थे और उन्हें अपने परिवार की बहुत ही याद आ रही थी। ऐसे में सुश्री शिल्पी शुक्ला जो यूनिसेफ प्रोजेक्ट की सहायक संस्था वसुधा विकास संस्था तथा कोविड 19 टास्क फोर्स की जिला समन्वयक हैं ने इनके मनोदशा को समझकर इनके अंदर आशा और खुशी जगाने के बारे में सोचा।यूनिसेफ के द्वारा क्वॉर्रेंटाइन सदस्यों के मानसिक प्रगाढ़ता एवम् जीवन में विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लिए आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।कवरेंटाइन सदस्य जिसमे छात्र व।मजदूर वर्ग के सभी उम्र के ग्रामीण है। जो अपने अनुभव व अपने आत्मबल व संयम के समायोजन का आपसी सहयोग कर कोविड 19 जैसी वैश्विक आपदा से लडने में बहुत ही महत्वूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जहां एक ओर कोविड 19 के बारे बुरे अनुभव सामने आ रहे हैं वही दूसरी ओर हमें खुशी है कि दंतेवाड़ा जिले के गीदम ब्लॉक के रोजे कवरेंटाइन सेंटर से कवरेंटाइन सदस्य हँसते, खिलखिलाते नजर आ रहे हैं। सुश्री शुक्ला के द्वारा समय समय पर सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण किया जाता है साथ ही कवरेंटाइन सदस्यों की जानकारी लेकर उन्हें सोशल डिस्टेंस वाले खेल, मास्क लगाकर ड्रॉइंग करना, परिसर में अपने आसपास सफाई करना, अपने अच्छे अनुभव शेयर करना, परिसर के फूल पौधों की देखभाल करना आदि कार्यों में व्यस्त रखकर जीवन की विपरीत परिस्थितियों में भी संयम रखकर बुरे समय में आगे बढ़ना सिखाया जा रहा है।