*DMFफंड से स्वीकृत कार्य को जनप्रतिनिधियों द्वारा खुद की ब्रांडिंग बताना गलत-मोर्चा
*जिला खनिज व्यास निधि ,बस्तर के लोगो का हक ,खनिज उत्खन के बदले
*खनिज रॉयल्टी के राशि के 30 प्रतिशत पैसे से संचालित है। खनिज व्यास निधि योजना
*ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव व योजना समिति पर , निर्धारित कार्य योजनाओं को मिलती है स्वीकृति
*बस्तर अधिकार सयुक्त मोर्चा बस्तरवासियों के हक व योजनाओं को जल्द अभियान चला पहुचायेगा घर -घर

बी महेश राव:-जगदलपुर,
बस्तर का निवाशी बस्तर संभाग में स्थित खनिज संपदा का मालिक बन रक्षा करता है। देश के विकास में बस्तर के खनिज दोहन की एक बड़ी भूमिका है। यही कारण है कि सन 1965 से बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिला व विभिन जिलों में विभिन कम्पनियो के द्वारा खनिज उत्खन कर दोहन करने का कार्य किया जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा खनिज दोहन पर स्थानीय इलाको के विकास हेतु विशेष आर्थिक व सामाजिक जिमेदारियो की नीति न बनने से एक लंबे वर्ष से बस्तर संभाग ने राज्य व केंद्र सरकारो के सामने बस्तर खनिज अधिकारों की मांग को लेकर समाजिक स्तर पर संघर्ष किया है।यही हाल पूरे देश के खनिज संपदा से परिपूर्ण अन्य राज्यो के इलाकों की भी मांग रही है। इन गम्भीर समस्याओं को कामन कॉल एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में ला सरकार से इन समस्याओ पर नीति बनाने की मांग की थी ।जिस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2015में केंद्र सरकार ने DMF योजना का क्रियान्वयन किया ,जिसमें कम्पनियो द्वारा खनिज संपदा के दोहन पर सरकार को देने वाले रॉयल्टी के 30 प्रतिशत का पैसा खनिज संपदा के दोहन से प्रभावित इलाको के विकास व समस्याओ के समाधान हेतु रखा गया है। इस योजनाओं के संचालन हेतु नियम व शर्ते तय कर समिति गठन की गई है। जिसमे खनिज दोहन से प्रभावित इलाकों के निवशियो को अपने इच्छा अनुरूप ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा के अनुमोदन कर प्रस्ताव समिति को भेज विकास व समस्याओ के समाधान हेतु समिति के समकक्ष स्वकृति हेतु प्रस्तुत करने का प्रावधान है।इस योजनाओं में आने वाला पैसा बस्तर वाशियो के मांग व हक का पैसा है। जो उनके विकास व उनके इलाको में उतपन्न समस्याओं के समाधान हेतु खर्च किया जाना है। जो सरकार व प्रशासन की नैतिक जिमेदारी है।बस्तर अधिकार सयुक्त मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता नवनीत चाँद ने सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगा कर कहा है कि बस्तर के हक के पैसे से ही बस्तर के विकास के कार्यो को स्वीकृत कर सरकार व जनप्रतिनिधि अपने राजनीतिक ब्रांडिंग कर रहे है। जो गलत है। बस्तर के जनप्रतिनिधियों से सवाल है । की वो ग्राम पंचायतों व शहर में उन कार्यो को बताए जो उन्होंने स्वयं के प्रयत्न से राज्य व केंद्र सरकारो खजानो से स्वीकृत कराए है।जिला खनिज न्याश निधि सभी जिलों के ग्राम पंचायतों ,नगर पंचायतो,नगर पालिका,व नगर निगम के इलाको में निवशरत बस्तर वाशियो के हक का पैसा है। सरकार योजनाओं की जानकारी छिपा ,जनता को गुमराह कर अपनी व अपने विधयाको की ब्रांडिंग करने में लगी है। बस्तर अधिकार सयुक्त मुक्ति मोर्चा बस्तर के लोगो के लिए संचालित योजनाओं को लॉक डाउन खत्म होते ही पंचायतों व वार्डो तक पहुचा के जनता के बीच जनजागरण अभियान चलयेगी
*प्रवक्ता
*नवनीत चाँद
*बस्तर अधिकार सयुक्त मुक्ति मोर्चा