थके हारे मजदूरों के पैरों को राहत दिलाने दी जा रही है चरणपादुका

मनीष सिंग:-सुकमा,
सुकमा:- इस समय कोरोना संक्रमण की रोकथाम सभी का लक्ष्य है। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सम्पूर्ण देश में एहतियात के तौर पर लाॅकडाउन किया गया हैं। लाॅक डाउन के इस दौर में प्रवासी मजदूरों द्वारा लगातार अपने घरों की ओर लौटने का प्रयास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखण्ड के मजदूर जो आंध्रप्रदेश, तेंलगाना, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल गए थे। वे कोंटा मार्ग से वापसी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के दक्षिणी छोर पर बसे कोंटा में थके-हारे मजदूरों की लगातार आमद को देखते हुए सुकमा जिला प्रशासन द्वारा वहां राहत कार्य किए जा रहे हैं। कोंटा तक पैदल पहुंचने वाले मजदूरों की भी बड़ी संख्या रही है। थके-हारे चिलचिलाती गर्मी और तपती सड़कों से पैदल सफर करने वाले मजदूरों के पैरों को राहत दिलाने चरणपादुका का भी व्यवस्था की गई है। प्रशासन द्वारा इन मजदूरों के लिए भोजन और पेयजल आदि सुविधाएं प्रदान करने के साथ ही उनके गृह जिले तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की गई है। दूसरे राज्यों के मजदूरों को उनके राज्य की सीमा तक भी बसों से पहुंचाया जा रहा है।
कोण्टा एसडीएम श्री हिमांचल साहू ने बताया कि आज 21 मई को कोंटा पहुंचे मजदूरों को उनके गृह जिला मुंगेली और गरियाबंद के लिए रवाना किया गया। उन्होंने बताया अब तक लगभग 3 हजार से अधिक मजदूरों को कोंटा से बसों से रवाना किया जा चुका है।