भगवान का रूप माने जाने वाले चिकित्सक संवेदनहीन
गढ्ढे में गिरी गाय को निकलने का नहीं किया प्रयास


जिया न्यूज़-बब्बी शर्मा:-कोंडागांव,
कोण्डागांव:-जहाँ एक ओर अनेकों स्वयंसेवी संस्थाऐं गौ सेवा के क्षेत्र में जुटी हैं वहीं वर्तमान सरकार भी गाँव-गाँव में गोठान बना कर मवेशियों की बेहतरी के लिए प्रयासरत है परन्तु कुछ संवेदनहीन इन्सान आज भी हैं जो इन बेजुबान पशुओं के दर्द को नहीं समझते जिन्हें हम-आप जिला अस्पताल में चिकित्सक के रूप में भगवान माढनने की गलती करते हैं।
कोण्डागांव जिला अस्पताल अधीक्षक जो एक चिकित्सक भी हैं अपने कर्तव्यों के प्रति इतने गैरजिम्मेदार होगें यह सोच कर ही आम आदमी सिहर उठेगा, औशधीय अपशिष्ट पदार्थों के निपटान के लिए अस्पताल परिसर में खोदे गये गढ्ढे में विगत तीन दिनों से एक गाय गिरी पड़ी थी जानकारीअस्पताल प्रबंधन को होने के बावजूद भूखी प्यासी गड्ढे में पड़ी रही परन्तु इस की सूचना अन्य उच्चाधिकारियों को दी गई न ही गाय को निकालने का कोई प्रयास किया।
जैसे ही शहर के मीडियाकर्मियों को जानकारी मिली तत्काल घटनास्थल पर पहुंच कर नगरपालिका के कर्मचारियों के सहयोग से गाय को सकुशल गढ्ढे से बाहर निकाला। *दुर्घटनाओं को निमंत्रण देता गड्ढा* जिस जगह पर अस्पताल प्रबंधन ने औशधीय अपशिष्ट पदार्थों के निपटान के लिए गड्ढा खुदवाया है। वंहा पर किसी भी प्रकार का सूचना बोर्ड नही लगा है और न ही गड्ढे के आसपास कोई सुरक्षा के इंतजाम किए गए है,अक्सर ग्रामीण इसी तरफ से आते जाते हैंं.गड्ढे को लेकर किसी भी प्रकार का संकेतक न होने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है इस बात से इनकार नही किया जा सकता। *मेडिकल वेस्ट खुले में बिखरा पड़ा है*
जिला अस्पताल के पीछे औषधीय अपशिष्ट को निपटाने के लिए बने गढ्ढे में बड़ी लापरवाही देखने को मिली जहाँ खुले गड्ढे के आस-पास मेडिकल वेस्ट लापरवाही से फेका गया है व खुले में मेडिकल वेस्ट बिखरा पड़ा नजर आया,जिससे इस कोरोना काल मे गम्भीर संक्रमण के फैलने से इनकार नही किया जा सकता।
लेकिन लापरवाही पूर्वक खुले में मेडिकल वेस्ट फेंक कर अस्पताल प्रबंधन अपने जिम्मेदारी के प्रति कितनी सतर्कता बरत रहा है यह एक सोचनीय प्रश्न है।
वहीं नरवा,गरुआ,घुरवा,बाडी का नारा लगाने वाली सरकार गाय के प्रति ऐसे लापरवाह अधिकारियों के प्रति क्या रुख अख्तियार करती है?