वन विभाग के कर्मचारियों का जंगली पन हुआ उजागर
बेकसुर भाईयों को पीटा जनवरों की तरह


कमलदेव:-पखान्जूर,
पखान्जूर:-धूर नक्सल प्रभावित संवेदनशील क्षेत्र पखान्जूर के बांदे में महाराष्ट्र सीमा से लगे खेतों की अपने ट्रक्टर से जोताई कर रात में अपने घर लौट रहे थे,रात आठ बजे के लगभग पन्द्रह-सोलह वन विभाग के कर्मचारी जो गश्त पर थे,ने रोक कर पूछताछ करते हुए अमानवीय तरीक़े से मारपीट की जिस से एक भाई अचेत हो कर गिर पड़ा. घायल अवस्था में दोनो भाईयों को उनके गृह ग्राम के पास छोड़ कर ताकीद दी कि इस प्रकरण के बारे में किसी को न बताए अन्यथा वाहन को राजसात करने व आपराधिक प्रकरण दर्ज की धमकी दी।
इस प्रकार की कार्यवाही ने वन विभाग को अनेकों सवालों के घेरे में खडा कर दिया है.
नियमानुसार यदि लकडी की तस्करी की जा रही थी तो लकडी सहित वाहन को जप्त करना चाहिए था।
बिना ट्राली वाले ट्रैक्टर को दिन भर यहाँ से वहाँ घुमा कर छुपाते रहे व जब जप्ती की कार्यवाही की गई तब बिना ट्रॉली के जप्त किया गया।
यदि लकडी थी तो उसे जप्त कर पंचनामा बनाना चाहिए था.परन्तु ऐसा नहीं किया गया।
पूरी कार्यवाही करने के दो दिनों बाद जप्त लकड़ी को लाया गया।
इन सभी प्रश्नों के जवाब जानने के लिए जब उच्चाधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो सभी बातों से अनजान बन पल्ला झाड़ते नजर आए।