वन भूमि पर काबिज ग्राम वासियों ने पंच सरपंच के साथ प्रभारी मंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौप वन भूमि से बारिश में नहीं हटाने की लगाई गुहार

जिया न्यूज़:-जगदलपुर,
जगदलपुर:-ग्राम सुंदर वाड़ा पंचायत नागलपर विकासखंड जगदलपुर तहसील जगदलपुर जिला बस्तर के निवासी विगत 30 वर्षों से वन ग्राम सुंदर वाड़ा पंचायत नागलसर में निवास एवं वन भूमि में खेती किसानी कर जीवन यापन कर रहे ग्रामीणों का दर्द तब छलका जब अचानक बड़े बोतल जांच नाका में पदस्थ वन विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी अचानक पहुंच कर खेती करने से मना कर घर हटाने की बात करने लगे । 17 जून को ग्रामीणों की बाड़ी से तार को हटाया गया और 1 सप्ताह के अंदर मकान खाली नहीं करने पर पुलिस कार्रवाई की धमकी भी दी गई । इस बात का उल्लेख करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान समय में समस्त ग्राम वासियों के पास जीवन यापन के लिए कोई साधन नहीं है तथा घर बनाकर रहने के लिए भूमि भी नहीं है हमारे छोटे-छोटे बच्चे भी हैं और अभी करुणा का समय एवं बारिश का सीजन भी है ऐसी परिस्थिति में गरीब ग्रामीण लाचार लोग इस समय बरसात में कहां जाकर निवास करेंगे इसका बिना कोई समाधान किए वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों को वन भूमि एवं आवासीय भूमि को खाली करने धमकी देते हुए पुलिस की कार्रवाई किए जाने की बात से ग्रामीण बेहद परेशान हैं पिछले 30 वर्षों से घर बनाकर रहने के लिए वन भूमि में खेती कर किसी तरह अपना जीवन यापन करने वाले ग्रामीणों के सामने अब बड़ी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है अपनी परेशानियों को व्यक्त करते हुए 1 ग्राम सुंदर वाड़ा के सरपंच राजंती बघेल ग्राम पंचायत नांगल सर उपसरपंच सिंह नाग के साथ 14 ग्रामीण सील सिक्के लगाकर आवेदन प्रभारी मंत्री बस्तर छत्तीसगढ़ शासन के नाम कलेक्टर जिला बस्तर जिला पंचायत सीईओ जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र क्रमांक 2 जनपद पंचायत सीईओ विधायक जगदलपुर वन विभाग डीएफओ वन मंत्री प्रभारी मंत्री एवं मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम से ज्ञापन सौंपते हुए यह मांग की है कि लंबे समय से जिस क्षेत्र में निवास कर वह अपना जीविका उपार्जन करते आ रहे हैं अचानक कौन सी ऐसी स्थिति निर्मित हुई जिसके कारण उन्हें जगह को खाली करने डराया धमकाया जा रहा है ग्रामीणों ने यह भी जानकारी दी कि उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं और लंबे समय से इसी भूमि पर काबिज रहकर अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करते आ रहे हैं छोटे-छोटे बच्चे और परिवार के साथ जीवन यापन करने वाली इस भूमि से उन्हें बेदखल न किया जाए और वन भूमि में ही निवास करने एवं खेती किसानी करने की अनुमति प्रदान करने की मांग की गई है