शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नजर अब
शालेय बच्चों के निवाले पर,शर्मसार हो रही इन्सानियत

जिया न्यूज़-बब्बी शर्मा:-कोण्डागांव,
कोण्डागांव:-भारत सरकार द्वारा पन्द्रह अगस्त सन् उन्नसी सौ पन्चानब्बे में सम्पूर्ण भारत वर्ष में प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में पढ़ने वाले छात्र,छात्राओं को दोपहर में शाला परिसर में ही पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना प्रारंम्भ की गई थी।
इस योजना का उद्देश्य था,कि ग्रामीण क्षेत्रों के नौनिहालों में शाला आने के प्रति रुझान पैदा हो.और उन्हें पौष्टिक भोजन मिले जिस से उन में कुपोषण की समस्या दूर होऔर समग्र शारीरीक विकास हो परन्तु कतिपय भ्रष्टाचारीयों की नजर इस में भी बंदर-बांट कर मलाई खाने पर है।

सुश्री लता उसेण्डी ने प्रैस विज्ञप्ति जारी कर जिले में मध्यान भोजन के राशन की खरीदारी में की जारही अनियमिताओं की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
उन्हों ने जारी विज्ञप्ति में बतलाया कि छत्तीसगढ़ में और विषेश तौर पर बस्तर संभाग में प्रत्येक विद्यालय में महिला स्वसहायता समूहों को योजना के सफल क्रियान्वय हेतु छतीसगढ़ सरकार द्वारा जिमेदारियांं प्रदान की गई हैंं ताकि उक्त योजना में महिला स्वसहायता समुह की सक्रीय भागीदारी से योजना का विकेंद्रीकरण हो तथा नारी शक्ति को महत्व मिले।
परन्तु कोण्डागांव जिले के दौरा कर्यक्रम के दौरान विभिन्न स्वसहायता समुहो ,शिक्षको ,पालको तथा विभिन स्तर के जनप्रतिनिधियों से ज्ञात हुआ कि शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी के मौखिक निर्देश से समूहों द्वारा भोजन पकाने के लिए जो राशन बाजार से क्रय किया जाता था .अब उस राशन का वितरण कार्यलय के माध्यम से खरीदी कर के किया जा रहा है
जो शासन के आदेशों की सरासर अवमानना है.शासकीय नियमानुसार उक्त कार्य को सम्बंधित विद्यालय के महिला स्वस्यता समूह के माध्य्म से सम्पन कराया जाना चाहिए पर इस योजना को अनियमिता पूर्ण मनमानी ढंग से लागु करने का कार्य कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा किया गया है प्रथम दृष्टि में मामला सन्देहस्पद लगता है अतः उक्त मामले की जांच शिक्षा विभाग को छोड़ कर अन्य स्वतन्त्र एजेंसी से करा कर दोषी विभागीय अधिकारियो पर कार्यवाही की मांग करते हुए छात्र हित, जनहित,एवं महिलाओं के हित में तुरन्त जांच कराने की मांग करती हूं।