जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा:- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल प्राकृतिक खूबसूरती के बीच दंतेवाड़ा जिले के गामावाडा गांव की देवगुड़ी पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लगभग 10 करोड़ 29 लाख की लागत से देवगुड़ी परिसर के सौंदर्यीकरण और परिसर में स्थित पत्थरों में की गई रंग-बिरंगी स्थानीय संस्कृति की चित्रकारी को देखकर मुख्यमंत्री ने मॉडल देवगुड़ी की सराहना की। उन्होंने यहाँ पर आंगा देव की पूजा कर प्रदेश की ख़ुशहाली की कामना की।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, राजस्व व जिला प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद बस्तर श्री दीपक बैज,बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंड़ावी, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप, संसदीय सचिव श्री रेखचन्द जैन,विधायक श्रीमती देवती कर्मा, विधायक चित्रकोट राजमन बेंज़ाम क्रेडा के अध्यक्ष श्री मिथलेश स्वर्णकार,कमिश्नर श्री जी.आर. चुरेन्द्र, आईजी श्री सुन्दरराज पी., कलेक्टर श्री दीपक सोनी, पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस देवगुड़ी का जिला प्रशासन ने जीर्णोद्धार व सौंदर्यिकरण कार्य कराया है और परिसर में प्राकृतिक रूप से स्थित पत्थरों को विभिन्न रंगों से रंगते हुए बेहतरीन चित्रकारी किया गया। इस तरह से माडल देवगुड़ी को खूबसूरत बनाने के साथ साथ धरोहर संरक्षण का काम भी किया गया है जो लोगों को बरबस ही आकर्षित कर रहा है। बस्तर अंचल के ग्रामीणों की आस्था का बड़ा केंद्र देवगुड़ियाँ हैं। संस्कृति व धरोहर का संरक्षण का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है ज्ञात हो कि दंतेवाड़ा जिले के 143 गाँव में 13 करोड़ पाँच लाख की लागत से देवगुड़ियों का विकास किया जा रहा है। गामावाड़ा की देवगुड़ी को मॉडल के तौर पर रखा गया है दंतेवाड़ा ही प्रदेश का पहला ऐसा जिला है जहां सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण ही नहीं बल्कि हर गांव के ग्रामीण अपने गांव की देवगुड़ियों में गांव की खुशहाली की कामना करते है।

मुख्यमंत्री और अथितियों ने किया परिसर में पौधारोपण
गामावाडा देवगुडी परिसर में मुख्यमंत्री श्री बघेल और विशिष्ट अतिथियों ने सल्फ़ी पौधे का रोपण किए। परिसर को हराभरा बनाने के लिए अतिथियों और ग्राम वासियों ने सल्फ़ी,आम, काजू,कटहल, नारियल के पौधा का रोपण किया।

मुख्यमंत्री ने समाज प्रमुखों के साथ किया भोजन
परिसर में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सादगी के साथ ज़मीन में बैठकर समाज प्रमुखों और देवगुड़ी के गायता,पुजारी व सेवको के साथ दोपहर का भोजन किया।

गामावाडा के महिला स्व- सहायता समूह के सदस्यों ने जिला प्रशासन के द्वारा गांव की खुशहाली के सतरंगी सूत्र में एनीमिया मुक्त गांव, मलेरिया मुक्त गांव, सुपोषित गांव, गन्दगी मुक्त गांव, सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण, शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव, शत्-प्रतिशत् शिक्षित पंचायत, हर गांव की देवगुड़ियों का कायाकल्प हो आदि विषय पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराए ।

देवगुड़ी गामावाड़ा मेरा दरबार
देव/माता गुड़ी का नाम-हिसिंगा राज देव, हिरे डोकरी (देवगुड़ी) ग्राम के रक्षक देव है। इनके पेन कुटुंब परिवार में 10 सदस्य है। करसाड मेला मार्च, अप्रैल माह में तीन दिनों का होता है। जिसमें 13 परगना के देवी देवता सम्मिलित होते है।इसके अलावा माटी त्यौहार, अमूस, दिहारी (प्रत्येक त्यौहार शुक्रवार के दिन मनाया जाता है)। त्यौहार में पूजा अर्चना करते है। इनके साक्षी के रूप में आंगा, कोला, कोको एवं लौहे का लिंग, आंगा इरूमाराम पेड़ की लकड़ी से बनाया जाता है।

जनता के बीच पहुँच कर शासन की योजनाओं की लाभ लेने के लिए किए प्रेरित
देवगुड़ी गामावाडा के समीप उपस्थित ग्रामीणों को देख मुख्यमंत्री खुद को रोक नहीं पाए, सुरक्षा के लिए लगाए बेरिकेट को तोड़कर मुख्यमंत्री श्री बघेल ग्रामीणों के बीच पहुँच कर ग्रामीणों से वनोपज संग्रहण, धान ख़रीदी सहित विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ लेने की जानकारी लेकर अन्य योजनाओं का भी लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किए।ग्रामीणों की सेल्फ़ी और फोटो की माँग पर उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।