जिया न्यूज:-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा:-हम चुनाव के माध्यम से अपने जनप्रतिनिधि और मन की सरकार चुनते हैं। राजनीतिक दल ही चुनावी खेल के मुख्य खिलाड़ी होते हैं, लेकिन कई दलों के रूप-स्वरूप लोकतांत्रिक नहीं दिखते। संविधान में राजनीतिक दल की परिभाषा नहीं है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में चुनाव आयोग को दल पंजीकरण के अधिकार हैं, लेकिन दल संचालन की व्यवस्थित नियमावली नहीं है।
देश की सबसे पुरानी पार्टी कही जाने वाली कांग्रेस में अर्से से एक ही परिवार का कब्जा है।
पं.नेहरू से लेकर उनकी पुत्री इंदिरा गांधी, फिर उनके पुत्र राजीव गांधी,फिर उनकी पत्नी सोनिया गांधी और पुत्र राहुल गांधी और पुत्री सोनिया गांधी ही कांग्रेस का नीति-नियंता है। सोनिया जी ही लंबे समय से पार्टी की मुखिया हैं।
इसी नक्शे कदम पर दंतेवाड़ा विधानसभा और जिले को वर्तमान में कांग्रेस पार्टी और दंतेवाड़ा की विधायक चल रहीं हैं ।
सत्ता और कांग्रेस संगठन में एक ही परिवार सदस्यों को दबदबा है ,चाहे जिला पंचायत अध्यक्ष की बात करें ,चाहे जिला पंचायत सदस्य की बात करें ,या संगठन में प्रदेश और जिला दोनों जगहों पर महिला मोर्चा की पदाधिकारी होने की बात हो या महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष की बात करें या जेल में संदर्शक होने की बात हो ,याकि औषधि बोर्ड में उपाध्यक्ष होने की बात हो ,इन सभी पदों पर एक ही परिवार के सदस्यों ने कब्जा जमाया हुआ है ।
जिले के मनोनित सरकारी पदों में देखें या कांग्रेस के संगठनात्मक पदों को सभी जगह एक परिवार के सदस्य देखने को मिलेंगे ।
इसी वजह से दंतेवाडा जिले का विकास रुका हुआ ,बीजेपी में अपने कार्यकाल के दौरान जिले में एजुकेशन सिटी जैसी महत्वाकांक्षी प्रारंभ की थी ,आजीविका महाविद्यालय की स्थापना कर बड़ी संख्या में युवक युवतियों को स्किल्ड कर उन्हें स्वरोजगार स्थापित करने के लिए सहायता दी थी । हालांकि बाद में कांग्रेस सरकार बीजेपी की उपलब्धियों को अपना बताने के लिए नाम बदल दिए ।
चूंकि जिले के सभी महत्वपूर्ण पदों में एक ही परिवार के सदस्य बैठे हैं और इनके पास दंतेवाड़ा के विकास के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है ,यहां विकास केवल फोटोग्राफी में हो रहा है ।
ऐसा भी नहीं है कि इस वजह से केवल जिले की आम जनता ही परेशान हैं ,मैं कई ऐसे कांग्रेसी नेताओं को जानता हूं ,जो वर्षों से विपरीत परिस्थितियों में भी कांग्रेस पार्टी में काम कर रहे थे ,आज जब कांग्रेस की सत्ता आई और उनकी जगह केवल एक परिवार के सदस्यों को उपकृत गया।
कई वरिष्ठ कांग्रेसी भी दबी जुबान में दंतेवाड़ा जिले में हावी परिवारवाद की आलोचना करते हुए इसे कांग्रेस के पतन की मुख्य वजह मानते हैं।
चूंकि परिवादवाद की राजनीति में स्वस्थ राजनीतिक परंपराएं नहीं होती ,परिवारवाद में परिवार के सदस्यों का हित हो सर्वोपरी होता है इसलिए आगामी चुनाव में जनता परिवारवाद को नकार कर विकास के लिए बीजेपी को वोट करेगी ।
उपरोक्त टिप्पणी दंतेवाड़ा के मंडल महामंत्री और जिला पंचायत सदस्य रामू नेताम ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही है ।