जिया न्यूज:-दंतेवाड़ा,

दंतेवाड़ा:-जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के सरकारी आंकड़े और जमीनी हकीकत जुदा हैं ।ग्रामीण इलाकों में संचालित इन केंद्रों का निरीक्षण बेहद कम होता है ।आंकड़े दुरुस्त करने के लिए कुछ कार्यवाही भी दिखाई जाती है लेकिन इन सबके बावजूद जो सच है वह सामने होता है ।इन केंद्रों पर सहायिका, कार्यकर्ता सुपरवाइजर के अलावा जिले में एकीकृत महिला एवं बाल विकास अधिकारी होते हैं ।अमूमन सुपरवाइजर ही इन केंद्रों के प्रति जवाबदार माने जाते हैं ।लेकिन व्यवहार में इनका केंद्रों में आना औपचारिकता होती है ।अंदरूनी इलाकों के केंद्र केवल आंकड़े उपलब्ध कराने के लिए हैं ।गर्भवती माताओं और बच्चों के शारीरिक विकास के लिए मीनू अनुसार पौष्टिक आहार समय पर देना होता है।उच्च अधिकारी कागजी कार्यवाही में ही व्यस्त होते हैं ।जिले से सटे केंद्रों में भी अनेक खामियां देखी जा सकती है जिनपर सुधार की गुंजाइश है ।वर्तमान में समूहों के माध्यम से बनने वाले रेडी टू ईट सिस्टम से पृथक टेंडर व्यवस्था की सोच भी इन अव्यवस्था से प्रभावित माना जा सकता है।बहरहाल, इन केंद्रों पर कड़ी नजर की दरकार है ।