जिया न्यूज़:-जगदलपुर,
रायपुर-जगदलपुर फोर लेन सड़क हेतु जमीन अधिग्रहण के पश्चात ,केंद्रीय सड़क निर्माण योजनाओ में बस्तर की उपेक्षा क्यों?-मुक्तिमोर्चा
*बस्तर, केन्र्द व राज्य सरकारों के लिए सिर्फ राजस्व का जरिया,जनप्रतिनिधियों की खामोशी,बस्तर विकास में रोड़ा-मुक्तिमोर्चा
जगदलपुर:-बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के मुख्य सयोंजक नवनीत चाँद ने बयान जारी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के साथ मिकलर 15 हजार करोड़ की लागत से राज्य के अंदर कई राष्ट्रीय मार्ग को फोर -लेन बनाने व कई राज्यो को जोड़ते हुए नई सड़को के निर्माण हेतु कार्ययोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। जिसमे से एक रायपर -विशाखापटनम को जोड़ने हेतु एक नई फोरलेन सड़क निर्माण की भी योजना शामिल है। इस सड़क के निर्माण की वजह तीन राज्यो के बीच व्यपार को बढ़ावा हेतु आवागमन को सरल बनाना बताया गया है। पर विडंबना की बात यह है। कि रायपुर-जगदलपुर हेतु NHI द्वारा वर्ष2014में फोरलेंन सड़क प्रस्ताव हेतु राज्य सरकार से 15 मीटर जमीन पूर्व में ही अधिग्रहण करवाने के वावजूद भी नई फोर लेन सड़क योजना में बस्तर को शामिल नहीं किया गया। यह दिनों ही राष्ट्रीय पार्टियो के राज्य सरकार व केंद्र सरकार द्वारा बस्तर को वास्तविक विकास को रोकने का षड्यंत्र है। व बस्तर के साथ अन्याय है। इस षड्यंत्र पर बस्तर के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की खामोशी व सिर्फ अधूरी जानकारी रख खानापूर्ति स्वरूप सदन में विरोध कार्य ,केंद्र व राज्य सरकारों को ऐसे बस्तर उपेक्षा योजनाओ के फैसले लेने का हौसला बड़ा रहे है। जो बस्तर के साथ पूरी तरह अन्याय है। ऐसे बस्तर उपेक्षित योजनाओ व सरकारी फैसलों का बस्तर का हर निवाशी विरोध करता है। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा द्वारा बस्तर से जुड़े ज्वलन्त समस्याओं ,विकास व अधिकार से जुड़े मूद्दो को लेकर सभी राजनीतिक दल के बस्तर के बड़े नेताओ व पाधिकारीयो एव सभी वर्ग समाज ,समाज सेवी संघटनो को ज्ञापन सौप बस्तर उपेक्षित मूद्दो पर ध्यानाकर्षण कर ,सामुहिक विरोध प्रदर्शन की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। बस्तर के जनप्रतिनिधियों से सवाल कर जवाब मांगा जाएगा ,संतोषप्रद जवाब नहि मिलने पर फोर लेन सड़क नहीं तो टोल नहीं अभियान प्रारम्भ किया जायेगा व राज्य सरकार पर दबाव बना बस्तर के किसानों की जमीनों पर किये अधिग्रहण को समाप्त कर जमीन वापसी की मांग रखी जायेगा