जिया न्यूज़:- ब्यूरो रिपोर्ट- बलिया,
बलिया:-भारतीय पत्रकार संघ तहसील इकाई रसड़ा की बैठक गुरुवार को संपन्न हुई।बैठक की अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष तनवीर अहमद ने की। बैठक में वर्तमान पत्रकारिता व पत्रकारिता त्रुटियों पर विशेष चर्चा हुई। साथ ही संगठन के रसड़ा तहसील अध्यक्ष रवि आर्य के द्वारा हाल ही में नाइट कर्फ़्यू के दौरान खुले दुकानों के विरुद्ध खबर चलाने पर पत्रकार रवि आर्य को फोन करके भद्दी भद्दी गालियों के साथ मारने पीटने की धमकी देने वाले विषय पर घोर निन्दा की गई साथ ही इस प्रकरण में रसड़ा पुलिस की अच्छी भूमिका की वजह से उसकी भूरी भूरी प्रसंशा भी की गई। वहीं महामंत्री आदित्य सोनी ने कहा कि उक्त दुकानदार के प्रति सबूत व तथ्य के आधार पर पुलिस ने जैसे ही मुकदमा पंजीकृत कर लिया है तो वहीं तथाकथित व्यापारी संगठन कलम की धार को रोकने के लिए आतुर है। सोनी ने साफ शब्दों में कहा कि पत्रकार व पत्रकार संगठन सदैव समाज का सजग प्रहरी रहा है। अगर किसी के मन में यह सोच है कि वह पैसे के बल पर व कूटनीति से कलम की धार को रोक लेगा तो यह सोच मात्र उसके लिए सोच ही बनकर रह जायेगी। शासन ने पूरे प्रदेश में नाइट कर्फ़्यू की घोषणा की है। जिलाधिकारी बलिया ने जिले में नाइट कर्फ़्यू का आदेश भी जारी किया है। नाइट कर्फ़्यू के दौरान किसी भी प्रकार की दुकानें नहीं खुलेंगे। अगर इस दौरान दुकानें खुली तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही होंगी। रसड़ा में नाइट कर्फ़्यू के दौरान दुकानें खुली उसका समाचार चलाया गया और बदले में गाली मारने पीटने की धमकी मिला। पत्रकार ने शुद्ध रूप से शासन प्रशासन के नियमों के अनुसार ही चला है। वहीं तथाकथित व्यापारी संगठन भी पत्रकार की कलम को रोकने का प्रयास कर रहा है। भारतीय पत्रकार संघ ने बैठक में यह तय किया है कि तथाकथित व्यापारी संगठन के विरुद्ध मुख्यमंत्री को पत्रक सौंप कर स्वतंत्र पत्रकारिता में बाधा उत्पन्न करने के प्रति कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग करेगा। वहीं तहसील अध्यक्ष रवि आर्य ने कहा कि पत्रकारिता क्षेत्र में बाढ़ सी आ गई हैं। जिसको देखो वो अपने वाहन पर प्रेस/पत्रकार लिखवा कर चल रहा है। पत्रकारिता के आड़ में कहीं शराब का व्यापार तो कहीं सोना चांदी तो कहीं कुछ और ही। चीनी से लेकर चेन लगाने वाले खुद को पत्रकार कहते व वाहनों पर प्रेस लिखवाकर घूम रहें हैं। जिनको शुद्ध हिंदी तक पढ़ने नहीं आती वो खुद को हिंदी पत्रकारिता का पत्रकार बताते फिरते हैं।कहा कि आगामी 30 मई हिंदी पत्रकारिता दिवस के दिन ऐसे तथाकथित पत्रकारों के विरुद्ध डीएम बलिया व संबंधित अधिकारियों को पत्रक सौंपा जाएगा।
साथ ही यह मांग की जायेगी कि तथाकथित पत्रकारों की डिग्री चेक की जाए कि उनकी शिक्षा दीक्षा कहां तक है वो कितने साक्षर हैं ताकि डिग्रीधारी पढ़ें लिखें पत्रकार हों जिससे पत्रकारिता को उसका वजूद मिल सके। इस मौके पर संरक्षक संतोष सिंह, कोषाध्यक्ष सुमित गुप्ता, उपाध्यक्ष आशीष सिंह बिसेन, नियाज़ अहमद, अख्तर जमील व भगवान उपाध्याय भी मौजूद रहे। संचालन उमाकांत विश्वकर्मा ने की।