जिया न्यूज़:-जगदलपुर,

जगदलपुर:-बस्तर दशहरा की महत्वपूर्ण रस्म काछनगादी पूजा विधान काछनगुड़ी में बुधवार को हुई। कांटो के झूलों पर झूलने वाली काछनदेवी (अनुराधा) ने माटी पुजारी कमल चंद्र भंजदेव को बस्तर दशहरा निर्विघ्न रूप से मनाने का आशीर्वाद दिया और अनुमति प्रदान की।
माटी पुजारी कमलचंद्र भंजदेव
काछनदेवी से अनुमति लेने के लिए राजमहल से बाजा, आतिशबाजी और आंगादेव के साथ जुलूस निकला। पैदल चलकर माटी पुजारी कमलचंद्र भंजदेव मावली माता मंदिर पहुंचे, यहां देवी की पूजा-पाठ के बाद काछनगुड़ी के लिए निकले। काछनगुड़ी पहुंचने के बाद देवी का आव्हान किया गया। देवी आने के बाद झूले की सात परिक्रमा कराई गई। काछनदेवी को झूले पर झुलाया गया और माटी पुजारी कमल चंद्र भंजदेव ने देवी से आज्ञा मांगी।
काछनदेवी ने फूल और प्रसाद देकर अनुमति प्रदान की। इससे पहले यहां महिलाओं ने देवी के सेवा गीत गाए। काछनदेवी से अनुमति मिल गई है। इस अवसर पर सांसद दीपक बैज, विधायक रेखचंद्र जैन, सभापति कविता साहू, नवीन ठाकुर के अलावा अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही माझी चालाकी भी आये थे।