जिया न्यूज़:-जगदलपुर,
बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा, बस्तर एकता अभियान चला, बस्तर राजा,सर्व समाज ,संघटन,पंचायत प्रतिनिधियों व बुद्विजीवियों को एक मंचीय उपस्थित हेतु करेगा प्रयास-नवनीत
*केंद्र की बस्तर विरोधी नीति,व राज्य सरकारों की डुल-मूल रवैये पर सर्वदलीय मंच की खामोशी बस्तर के लिए चिंता का विषय-मुक्तिमोर्चा

जगदलपुर:-बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के मुख्य सयोंजक नवनीत चाँद व संभागीय सह सयोंजक समीर खान ने सयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए कहा कि,केंद्र सरकार द्वारा जिस तरह से देश के अंदर सरकारी उपर्कम को निजी हाथों में देने का षड्यंत्र रच बड़े उधोगपतियों के लिए निजीकरण की राह प्रस्थत कर जनता के हितों के खिलाफ शोषणकारी नीति प्रारम्भ की है। उन नीतियों का देश के प्रत्येक वर्ग व्यक्ति को खुल कर विरोध करना चाहिए। इसी तर्ज पर बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा द्वारा इन नीतियों का खुल कर विरोध करने का फैसला किया है।बस्तर के क्षेत्र अधिकारों व विकास ,रोजगार -स्वरोजगार गेरेन्टी की शर्तो व पांचवी अनुसूची के बस्तर हितेषी संवेधानिक प्रावधानों को ताक में रख राज्य सरकार की शह पर केंद्र सरकार द्वारा NMDC के एक मात्र नगरनार स्टील प्लांट का विनिवेशीकरण कर निजी हाथों में देने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। जो सरासर बस्तर के लोगो के विसवास के साथ राज्य व केंद्र सरकारो का धोका करने जैसा घटना है। जिसका बस्तर हितेषी हर नागरिक विरोध करता है। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा ने बयान में आगे कहा कि ,राज्य की सीमाओं को लांग पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम स्थित IRNLद्वारा संचालित22हजार एकड़ में स्थापित विशाखा स्टील प्लांट का भी केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण करने के फैसले के साथ ट्रेड यूनियन के आव्हान में पूरे आंध्रप्रदेश के राजनैतिक दल ,समाजिक संघटन ,व्यपारिक संघटन ,सर्व समाज द्वारा सयुक्त रूप से केंद्रीय निजीकरण नीतियो के विरोध में संवेधानिक दायरे में एक जुट होकर संघर्स प्रारम्भ कर दिया है। जो बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में किये जा रहे संघर्स को नई जान फूंकने का काम करेगा। आंध्रप्रदेश में हो रहे विरोध की नीतियों के तर्ज पर नगरनार स्टील प्लांट निजीकरण रोकने हेतु बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा द्वारा बस्तर एकता अभियान चलाते हुए बस्तर के सर्व समाज ,सर्व समाजिक संघटन,व्यपारिक ,टांसपोर्ट संघटनों व बस्तर राजमहल ,मजदूर संघटन ,ठकेदारो ,वार्ड ,पंचयात प्रतिनिधियो को बस्तर हितों व अधिकार रोजगार स्वरोजगार के अवसर बचाने हेतु समर्थन मांग एक मंच लाने का प्रयास किया जाएगा।ताकि बस्तर के विकास के मिल के पत्थर नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण को रोकने हेतु केंद्र व राज्य सरकार को मजबूर किया जा सके। मुक्तिमोर्चा के सयोंजक ने केंद्र व राज्य सरकार संचालित पार्टियो के बस्तर के जनप्रतिनिधियों के नगरनार प्लांट को बचाने की मंशा पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि,एक ही दल के प्रतिनिधित्व से बनी सर्वदलीय मंच के गठन पश्चात कई माह बीत जाने के बाद भी जमीनी लड़ाई अब तक प्रारम्भ नही किया जाना, बस्तर के लिय दुर्भाग्य है। राज्य के मुख्यमंत्री से दो बार मुलाकात व विधानसभा में अधूरे संकल्प पत्र के बाद भी राज्य के बजट में नगरनार स्टील प्लांट को राज्य सरकार द्वारा संचलान को लेकर कोई बजट नहीं रखा जाना, राज्य सरकार की मंशा पर भी प्रश्न खड़ा कर रहा है।और इस पूरे घटना कर्म पर सर्वदलीय मंच की अब तक कि खामोशी बस्तर के निवाशियो के मन मे संसय पैदा कर रहा है। इस लिए मुक्तिमोर्चा द्वारा बस्तर के सभी वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित कर नए सिरे से आंध्रप्रदेश की विरोध नीतियों के तर्ज पर, नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में नई रणनीति बनाने का प्रयास किया जाएगा।