जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा/गीदम,
दंतेवाड़ा:-जिले में शासन और प्रशासन के सहयोग से प्रत्येक गांव में लोगों की आस्था व उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुये देव गुड़ियों का निर्माण करवाया जा रहा है। इस कार्य मे दंतेवाड़ा विधायक व जिले के सभी जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लेकिन एक तरफ जहां शासन प्रशासन लोगो की भावनाओं को समझ कर देव गुडियो का निर्माण कर रहा है।

वहीं दूसरी तरफ गीदम क्षेत्र के ग्राम पंचायत समलूर में देव गुड़ी के निर्माण कार्य से संबंधित विवाद कलेक्टर महोदय के समक्ष लाया गया है। कलेक्टर को दिये सैकड़ो ग्रामीणों के हस्ताक्षर युक्त पत्र में ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुये कहा है कि ग्राम सभा की बैठक में ग्राम पंचायत समलूर में रोजगार गारंटी योजना के तहत तपेश्वरी माता मंदिर में देवगुड़ी व शेड का निर्माण का कार्य किया जाना था। और जिसके लिये सभी ग्रामवासी सहमत थे। परंतु सरपंच के द्वारा उक्त देव गुड़ी शेड निर्माण कार्य को अपने स्वयं के निजी देवगुड़ी में प्रारंभ किया गया है। जबकि ग्रामीण उस जगह में देवगुड़ी निर्माण का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपकर उक्त निर्माण को रोककर ग्राम के सार्वजनिक स्थान ग्राम देवी तपेश्वरी माता मंदिर में शेड निर्माण व देवगुड़ी बनवाने हेतु आग्रह किया है। ग्रामीणों का कहना है कि सार्वजनिक तपेश्वरी माता मंदिर में प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र, दीपावली पर्व, व वैशाख जात्रा का पर्व आयोजित किया जाता है।

वही प्रति मंगलवार को पूजा अर्चना कर उत्सव मनाया जाता है। लेकिन लोगों के विरोध के बाद भी सरपंच द्वारा सार्वजनिक स्थान पर देव गुड़ी निर्माण का कार्य न करवाकर स्वयं के निजी देवगुड़ी में शेड का निर्माण करवाया जा रहा है। कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में ग्राम के उपसरपंच, भूतपूर्व उपसरपंच सहित पांच वार्ड पंचों के साथ सैकड़ों ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं। वही तपेश्वरी माता मंदिर के पुजारी व सहायक पुजारी ने भी माता मंदिर में देवगुड़ी का निर्माण करवाये जाने की मांग कलेक्टर महोदय के समक्ष की है।गौरतलब है कि देवगुड़ी निर्माण कार्य मे जनपद पंचायत सीईओ कि महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि किसी ग्राम में देवगुड़ी निर्माण में किसी भी प्रकार का गतिरोध उत्पन्न होता है। तो उस विवाद को सुलझा कर देवगुड़ी का निर्माण करवाना होता है। लेकिन ग्राम पंचायत समलूर के मामले में जनपद पंचायत सीईओ की कार्यप्रणाली उदासीनता को उजागर कर रही है और इसी कारण अभी तक ग्राम पंचायत समलूर में देवगुड़ी का निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। अब देखनी वाली बात यह है कि लोगो की भावना व आस्था से जुड़े इस मामले में शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करता है।

वही ग्राम सरपंच राजो सोरी का कहना है कि देव गुड़ी निर्माण के संबंध में ग्राम में बैठक आयोजित की गई थी जिसमें सभी लोगों ने वर्तमान में देवगुड़ी बनाये जाने के स्थल में ही देवगुड़ी निर्माण कराये जाने की बात पर सहमति जताई थी। लेकिन अब किन कारणों से लोग विरोध कर रहे हैं इस बात का पता लगाया जायेगा।माता तपेश्वरी मंदिर का क्षेत्र संरक्षित वन क्षेत्र और वह क्षेत्र आवर्ती चराई के लिये आवंटित किया गया है। जहां देव गुड़ी बनाया जाना संभव नहीं हो पायेगा।
वहीं इस मामले में जब गीदम जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डी पी पटेल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके द्वारा समलूर ग्राम पंचायत के सरपंच से इस मामले में प्रतिवेदन मांगा गया है। देवगुड़ी का निर्माण ग्रामीणों के आपसी सहमति से ही होना है। इसलिए सरपंच को कहा गया है कि वे इस मामले का निराकरण कर अवगत करवाये जिससे कि देवगुड़ी का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा सके।