जिया न्यूज़:-दिनेश/चन्दन-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा:-लंबे से हड़ताल में बैठने का सिला पंचायतकर्मियों को अब मिलने लगा है ।हड़ताल से ग्रामों की टूटी आर्थिक कमर को ठीक करने ये कर्मी अपना आंदोलन समाप्त कर मैदान में आये ही थे कि इनका वेतन ही रोक दिया गया ।सरकार, प्रशासन और कुछ हद तक राजनैतिक दल भी इन कर्मियों के प्रति दिखावटी सहानुभूति प्रकट करते रहते है ।इन कर्मियों को बिना जांच के ही दोषी ठहरा देने की परंपरा चल पड़ी है ।

ग्राम पंचायत में जरा गड़बड़ी हुई और घूमी सुई पंचायत के इन कर्मियों पर ।क्या शासन/प्रशासन ने इनकी वास्तविकता जानने की कोशिश की है ?25-30 विभागों से तालमेल करते कोल्हू के बैल माफिक काम करते अपने भविष्य के प्रति आशंकित ये कर्मी मीडिया के भी कोपभाजन के शिकार होते हैं ।हमेशा जांच का भय इन पर हावी रहता है ।बड़े दवाब में ये कई ऐसे कार्य भी कर जाते है जो इन्हें भी स्वीकार्य नहीं होता ।तलवार की धार पर काम करने वाले इन कर्मियों की जायज मांगों को किसी भी सरकार ने तवज्जो नहीं दी ।इन्हें सीधे तौर पर भ्रस्टाचारी मान लिया जाता है और झुनझुना पकड़ा दिया जाता है ।सरकारों के इस रवैये से ये कर्मी केवल खफा हो सकते हैं ।