जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा:-महाराष्ट्र सरकार के मंत्री द्वारा एनसीबी डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर मीडिया में बवाल खड़ा कर पतित राजनीति का उदाहरण पेश किया है।जिलामंत्री भाजपा सत्यनारायण महापात्र ने कहा है कि अधिकारी ने पूर्व में मंत्री के दामाद को ड्रग्स मामले में अंदर किया था। इसी बात का बदला उक्त अधिकारी पर अनेक बेहद निजी आरोप लगाकर केस से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश है ।मसलन अधिकारी का धर्म, उसकी पहली शादी, उसके पिता सहित वसूली के सवाल दागे जा रहे है ।अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही वर्तमान ड्रग्स मामले के बाद भी की जा सकती थी लेकिन ऐसा नहीं कर अधिकारी को तरह-तरह से परेशान कर एक ओर जहां ड्रग्स माफियाओ का मंत्री के प्रति विश्वास बढ़ा है वही प्रशासनिक अधिकारियों का मनोबल जरूर कम होगा ।यह लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा ।बॉलीवुड में अनेक दफे ड्रग्स के मामले आते रहे हैं उसी में से एक आर्यन खान का भी था ।सामान्य जांच में दोषी पाए जाने पर उसे अदालत ने रिमांड पर दिया और फिर वह छूट भी गया ।लेकिन इस केस ने ड्रग्स लॉबी के जड़े हिला दी और नेता खिसिया गए ।अनर्गल बयां से राजनीति का चीरहरण होता रहा ।दूसरी ओर परमबीर सिंह भी हैं ।जो जब तक सरकार के साथ थे सरकार भी उनके साथ थी लेकिन जैसे ही उनपर आरोप लगने शुरू हुए उन्होंने भी सरकार पर आरोप लगा दिया और वर्तमान में गैर जमानती वारंट के तहत उन्हें खोजा जा रहा है ।पुलिस विभाग के प्रमुख अधिकारियों पर सरकार का दवाब देश भर के विभागीय कर्मियों के बीच डर और असुरक्षा पैदा करेगा ।ईमानदार अधिकारी या तो खुद को सेवा से पृथक कर लेंगे या फिर माफिया और गुंडाराज से दूरी बना लेंगे ।वेतन लेने के लिए ही काम करने की प्रवृति बढ़ेगी ।समीर जैसे अधिकारी विरले होते है ।अतः अधिकारी हतोत्साहित न हो और निर्भीकता से काम कर सकें ऐसा वातावरण बनाए जाने की दरकार है और ऐसा तभी होगा जब सरकार में बैठे ईमानदार छबि के नेता आगे आएं जो खुद की सरकार को भी कटघरे में खड़े करने का माद्दा रखते हो ।ताकि राजनीति पर जनता का विश्वास कायम रह सके ।