जिया न्यूज़:-जगदलपुर,
जगदलपुर:-सिर पर छत नहीं है। इस लिए छोटा सा आशियाना बना लिया ,खाली पड़ी नजूल जमीन पर ,पर सिर्फ एक मे तो नही हु न साहब, पूरी गरीबो की बस्ती बसी है। उस जमीन पर आज से नहीं साहब कई साल हो गए। सुना था । वर्तमान सरकार नगरीय प्रशासन के माध्यम से नजूल पर घर का पट्टा देगे।

कुछ बड़े बड़े साहब आये थे। सब के घर नाम झोंक कर गए। उस मे मेरा भी घर था। मेरा पूरा घर बड़ी खुशी से सरकार को दुवाये दे रहा था। कि अचानक एक दिन कुछ लोग जेसीबी मशनी लेकर आये। और मेरे घर के पीछे के हिस्से की पूरी बागवानी व शौचालय तक तोड़ कर तहस नहस कर दिए। में अभागी चिलाती रही मिन्नत करती रही किसी ने एक न सुनी । कहा यह जमीन हमारी है। तुम खाली करो बस ,में संविधान पर विशवास करने वाली राजस्व वाले पटवारी साहब तो थाने वाले साहब से मदद मांगती रही । पूछती रही साहब मेरी गलती क्या?है।कुछ गलती है।

तो आप नोटिश दो ,मुझे मेरी सफाई में कुछ कहने दो ,यह कौन लोग है। जो कानून से बड़े है। जो खुद कानून को हाथ मे लेकर मुझ गरीब के आशियाने पर बुलडोजर चला रहे है।किसी ने कोई मदद नहीं कि इस लिए बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के माध्यम से में जनता की अदालत में आई हूं । मुझे न्याय दो ,मुझ महिला को मेरा अधिकार दिलवाओ। स्वच्छ भारत की बात करने वाले ,हर घर शौचालय बंनाने का संकल्प लेने वाली सरकार व बड़े साहब हम महिलाएं अपनी लज्जा बचाने शौच कहा जाये कोई बताये?