जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा-पूरे अंचल में पंचायतकर्मियों के प्रति न तो सरकार, न प्रशासन और न ही मीडिया की कोई सहानुभूति होती है ।कोल्हू के बैल के माफिक हुक्म बजाने का आलम अब यह भी हो गया कि तेंदूपत्ता कार्य मे भी रोज़गार सहायकों को मुंशीनुमा काम हेतु निर्देशित कर दिया गया है ।एक ओर शिक्षक और जिले के पटवारी हैं जो जहां जमे है अंगद ही बन गए हैं ।सरकार भी इनके सामने नतमस्तक दिखती है ।पहुँच और आर्थिक ताक़त रखने वाले ये कर्मी अपना स्थान और अपना मनचाहा कार्य महफूज़ रखने सफल रहते हैं ।कुछ शिक्षक तो केवल राष्ट्रीय पर्व में ही स्कूल जाते है ।ऐसे बहुत से कर्मी जिले में है जिन्होंने खुद को कोरोना प्रोटोकाल से भी दूर रखा है कोरोना काल इनके लिए कोई बड़ी समस्या नहीं है ।समस्या तो पुलिसकर्मियों,स्वास्थ्यकर्मियों और प्रशासन के निर्देश को सबसे पहले कार्यान्वित करने वाले पंचायत के इन जुबांधारी प्राणियों को होती है ।अनेक दफे समाचार के माध्यम से इन प्रशासनिक चूक पर लेखकों ने ध्यान खींचा लेकिन आंशिक कार्यवाही भी नहीं हो सकी ।सरकारी कर्मचारियों में कोरोना या किसी भी कार्य में सलंग्न नहीं किये गए कर्मियों की सूची प्रशासन को सार्वजनिक करना चाहिए ताकि यह पता चल सके कौन कर्मी कहां सेवा दे रहा है ।या केवल मेवा खाने में ही व्यस्त है ।बहरहाल, प्रशासन को अपनी निगाहें सब पर बराबर रख अभिभावक की भूमिका निभानी चाहिए ।