जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा,
कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के पश्चिम सब जोनल ब्यूरो के सचिव श्रीनिवास ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति
छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान को बताया पूरी तरह से झूठा
पांडे कोवासी के आत्मसमर्पण के बाद उसकी मौत को बताया पुलिस का षड्यंत्र
दंतेवाड़ा:-भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के पश्चिम सब जोनल ब्यूरो के सचिव श्रीनिवास ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आत्मसमर्पित माओवादियों से अपील की है कि छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान पूरी तरह से झूठा है। लेकिन इस झूठे अभियान के झांसे में आकर 19 फरवरी 2021 को बीजापुर में पुलिस के सामने चेतना नाट्य मंडली की कलाकार 19 वर्षीय कामरेड पांडे कोवासी ने आत्मसमर्पण किया था लेकिन उस के साथ पुलिस ने अत्यंत निर्ममता पूर्वक व्यवहार कर उसकी जान ले ली और और बाद में आत्महत्या की झूठी कहानी फैलाई। और पांडे कोवासी के आत्महत्या को लेकर बस्तर के तमाम आदिवासियों ने और जनता ने इस पर अपना विरोध जताया उसके मां-बाप ने उसकी लाश को लेने से भी मना कर दिया और सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी ने इस मौत के पीछे की वजह पूछी तो पुलिस एसपी अपने गुनाह को स्वीकार करने के बजाय उल्टा सोनी सोढ़ी पर ही भड़क गए थे।

उसी प्रकार गढ़चिरौली में भी आत्म समर्पण के बाद माओवादियों की दशा भी सही नहीं है आपकी जिंदगी भी दर्दनाक है। और आपके परिवार वालों से आपके बारे में जानकारी मिलते रहती हैं। आप सभी को इस दर्दनाक जिंदगी से बाहर आना है। इस प्रकार की जिंदगी सहन नहीं करनी है आप सभी ने क्रांतिकारी आंदोलन में लोगों के हितों के लिए बहुत अच्छा जीवन जिया था। मुख्य रूप से पार्टी में महिलाएं राजनीतिक रूप से ना भेदभाव को देखा ना दबाव को झेला। वह अपनी मर्यादा के साथ जनवादी जिंदगी जी रही थी और इस विरोधी आंदोलन में समय पर सभी के कार्यों पर जनता ने अपना विश्वास भी दिखाया था। लेकिन आंदोलन में आने वाली समस्याओं और सामने आने वाले मुश्किलों, तकलीफो और समस्याओं को पार्टी के सिद्धांतों में हल करने में विफल होकर आप लोग अपनी कमजोरियों के कारण बाहर चले गए और पुलिस के सामने अपने घुटने टेक दिया। और कुछ लोग तो पुलिस के लिए गाइड बन कर उनके आंख और कान के रूप में काम कर रहे हैं। उनके लिए वार्ताहर बन गए और महिलाओं की जिंदगी अत्याचारों में जल रही है। और आप कब तक इसे सहन करेंगे। आपके लिए यह जिंदगी सही नहीं है। आप सभी वापस आइए और पुलिस के सामने बेइज्जती पूर्वक जिंदगी जीने से अच्छा आप सभी इज्जत पूर्वक अपने गांव और लोगों के साथ रहे और अपना समय बिताएं ।और आप सभी से अनुरोध किया जाता है कि कि आप जन आंदोलन को नुकसान ना पहुंचाएं और सरकारी शासकों का शिकार बनने से अच्छा आप हमारे विनती को मानते हुए अपने गांव चले जाएं। वही पश्चिम सबजोनल व्यूरो के सचिव श्रीनिवास ने ग्राम सभाओं के लिए भी लिखते हुए कहा कि आपके गांव से आत्मसमर्पण माओवादियों के बारे में आप लोग को सूचना है। आपके गांव से पुलिस के सामने जो भी लोग आत्मसमर्पण किये हैं आप लोग जिम्मेदारी से उन लोगों को पुलिस की हिरासत से बाहर लाएं और परिवार के बीच में ही रखें। पुलिस के दबाव से डरने की जरूरत नहीं है आप लोग कानून के तहत ही उन लोगों को उनके परिवार के साथ रख सकते हैं। आप लोग उन लोगों को बताना आवश्यक है कि वह लोग पुलिस के साथ घूमने नहीं आप लोग यह भी बताना है कि भारतीय संविधान के तहत यहां के नागरिकों को मिले सब अधिकार उन लोगों को भी लागू होता हैं। जो लोग आपकी बातों को नही मानते हैं उन लोगों को गांव से बहिष्कार कीजिए उन लोगों से जो और जो लोग संपर्क रखते हैं उन लोगों पर कार्रवाई करें।