जिया न्यूज:-जगदलपुर,
जगदलपुर:-मरीजों की सेवा के लिए हमेशा 24 घंटे सेवा देने वाले नर्सो ने 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस को बड़े ही धूमधाम से मनाया, यह दिवस मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत नर्सों को समाज में उनके परिश्रम और सेवा के लिए सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है.
आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक मानी जाने वाली फ्लोरेंस नाइटएगल के जन्मदिवस को इंटरनेशनल नर्स डे के रूप में मनाया जाता है, इस दिन को मनाने की शुरुआत 1974 से ही हुई थी, फ्लोरेंस नर्स के साथ-साथ एक समाज सुधारक भी थीं. उन्हें ‘द लेडी विद द लैंप’ कहा गया क्योंकि वो दिन-रात की परवाह किए बिना घायल सैनिकों की देखभाल में लगी रहती थीं, रात के अंधेरे में एक लालटेन की मदद से घूम-घूम कर मरीजों की सेवा करती थीं, उनके इसी त्याग और समर्पण को सम्मान देने इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस द्वारा उनके जन्मदिन को इंटरनेशनल नर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा, नर्सिंग के महत्व को समझने के लिए कोरोना महामारी के दौर में नर्सों की भूमिका को देखा जा सकता है, जब पूरा विश्व अपनी जान बचाने की कोशिश में लगा था, वही इन नर्सो के द्वारा अपने घर परिवार की चिता ना करते हुए कोरोना मरीजों की सेवा करने में लगा दी, मरीजों की बेहतर देखभाल इनकी पहली प्राथमिकता रही है, कई जिंदगी बचाने और उन्हें सेहतमंद बनाने के लिए ये हर समय तत्पर रहती है, इसके अलावा कोविड वार्ड में 24 घंटे पीपी कीट पहनकर मरीजों की सेवा करने के साथ ही अपने इस पद की गरिमा को बनाये रखा, कोविड के दौरान इन नर्सो ने अपने परिवार से दूरियां बनाते हुए अलग से घर तक लेकर रहने को मजबूर हो गई, लेकिन अपने मानव सेवा को नही छोड़ा, जिसके चलते आज मेकाज सहित जिला अस्पताल, पीएससी, सीएचसी के अलावा अन्य जगहों में नर्सो ने केक काटने के साथ ही अपने वरिष्ठ जनो के साथ ही जूनियर को इस दिन की बधाई भी दिया, इसके अलावा एक दिन पहले से ही सोसल मीडिया से लेकर वॉट्सऐप व स्टेट्स में द लेडी विद द लैंप की फ़ोटो को शेयर करते हुए सभी को नर्स डे की बधाई दी,