जिया न्यूज़:-दंतेवाड़ा,
दंतेवाड़ा:-अंकों का मायाजाल जिले में इस कदर हावी है कि बच्चे, बूढ़े और महिलाएं तक इस फेर में अपना पैसा गवां रहें हैं ।परिवार की आर्थिक बदहाली का यह प्रमुख कारण आज जिले को अपने गिरफ्त में जकड़ रखा है ।अधिकतर गरीब तबके को बर्बाद कर देने वाला यह नासूर बिना किसी संरक्षण के संभव भी नहीं है ।मोबाइल के जमाने में आसान बन चुका यह गोरखधंधा समाज को खोखला किये जा रहा है ।मेहनत, मज़दूरी से कमाए रुपये खाईवाल को दे रहें है ।सब कुछ लूटा के भी लोग होश में नहीं आ रहें है यह चिंतनीय है । जिले के विकासखंडों में सट्टा का व्यापार चरम पर है ।लोग मोबाइल के माध्यम से दांव लगाते है और परिणाम भी इन्हें मोबाइल पर तत्काल मिल जाता है ।सट्टे का इतिहास रहा है इसमें फसकर कई जिंदगी खत्म भी हो चुकी है और कई परिवार तबाह हो चुके हैं ।महाभारत काल में भी इस विषय मे ही शकुनी के रूप में एक उदाहरण मौजूद है जिसने छल से पांडवों से सब कुछ लूट लिया था ।लोग इतिहास से कुछ सबक नहीं लेते और इस भंवर में फंस जाते हैं ।अचानक लखपति बनने के स्वप्न पाले लोग अपने मेहनत की कमाई को लूटा रहे हैं इस पर रोक लगाने कानूनी कार्यवाही के अलावा जनजागृति करने की दरकार है ।शासन/प्रशासन को इस दिशा में कड़े कदम उठाने होंगे अन्यथा यह संक्रमण पूरे समाज में सुरसा की तरह फैल जाएगा ।’ओपन टू क्लोज’ को टोटल क्लोज करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।यह बात सोलह आने सच है कि किसी भी अन्य बुराई से अधिक यह बीमारी घातक सिद्ध हुआ है इसे रोकने हर मोर्चे पर काम करना सामाजिक संगठनों का भी दायित्व है ।