जिया न्यूज:-दंतेवाड़ा,

दंतेवाड़ा:-माह के अंतिम शनिवार को कटुलनार गांव में मुड़ामी समाज के हजारों लोगों का धर्मांतरण के खिलाफ एक सुर में आवाज उठाना नई कहानी की खूबसूरत शुरुआत है ।लंबे समय से मिशनरियों के खिलाफ असंतोष को एक मंच मिल गया ।इस अभियान का स्वस्फूर्त होना ही इसकी पक्की सफलता की ओर इशारा करता है ।हजारों की भीड़ को संबोधित करते समाज के लोगों ने मिशनरियों के खिलाफ जिले में पहला पत्थर कटुलनार के देवगुड़ी में स्थापित कर दिया है ।नारायणपुर से उठी यह आवाज अब इस छोटे गांव से चिंगारी बनकर संभाग के लिए अनुकरणीय मिसाल बनेगी ।वक्ताओं में नंदलाल मुडामी,सोनाराम ने समाज को आगाह करते कहा कि मिशनरियों द्वारा भोले-भाले ग्रामीणों को उनके अशिक्षित होने का बेजा फायदा उठाते प्रलोभन, स्वास्थ्यगत जादूगरी से अपने धर्म का प्रभाव दिखाकर धर्म परिवर्तन करा दिया जाता हैं धीरे-धीरे उसे रीतिरिवाज, परंपरा छोड़ने कहा जाता है और फिर असंतोष का सूत्रपात होता है ।धर्मांतरण के इस खेल में कुछ ऐसे तत्व भी है कि जो टारगेट लेकर इस कार्य को कर रहे हैं और मोटी रकम बाहर के फंड से प्राप्त करते है ।प्रायः देखा जाता है कि मतांतरित लोग ही इस कार्य में सक्रिय होकर अचानक धनवान बन जाते हैं ।और इसे प्रभु की कृपा बताते अन्य गरीब तबके को आकर्षित भी करते हैं ।बहरहाल, इन सारी मंशाओं को जनजाति समाज न केवल समझ रहा है बल्कि मुखर होकर विरोध भी कर रहा है।कटुलनार में इस विषय में मंत्रणा जारी है अनेक उपायों पर विमर्श के पश्चात कार्ययोजना की बात उठी है। और यह विरोध स्वमेव उत्पन्न है लिहाजा इसकी आवाज दूर तलक तक अवश्य जाएगी ।